स्थानीय लोगों के साथ साथ पहली पसंद बनी पतलीकूहल की ट्राउट मछली - Smachar

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स्थानीय लोगों के साथ साथ पहली पसंद बनी पतलीकूहल की ट्राउट मछली

 स्थानीय लोगों के साथ साथ पहली पसंद बनी पतलीकूहल की ट्राउट मछली 

बाहरी राज्यों में भी बढ़ी रही मांग 


मनाली : ओम बौद्ध 

मनाली जहां अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन की दृष्टि के लिए देश दुनिया में विख्यात है। तो वही अब यहां ठंडे पानी में पैदा होने वाली ट्राउट मछली के चलते भी लोग पहाड़ों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे में ट्राउट मछली के उत्पादन से यहां लोगों की आर्थिकी भी मजबूत हो रही है और इस मछली के सेवन से लोग अपनी कई बीमारियों को भी ठीक कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की अगर बात करें तो यहां पर कई लोग अब मछली उत्पादन से भी जुड़े हुए हैं और प्रदेश सरकार भी उन्हें इस कार्य के लिए सहयोग कर रही है। जिला कुल्लू में जहां पर्यटक सीजन के दौरान ट्राउट मछली की डिमांड अधिक रहती है। तो वहीं अब सर्दियों में भी दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, मुंबई सहित अन्य बड़े राज्यों में ट्राउट मछली के डिमांड बढ़ती जा रही है। ऐसे में ट्राउट मछली की डिमांड बढ़ने से यहां के मछली उत्पादकों को भी काफी फायदा हो रहा है।

पतलीकूहल में ट्राउट मछली के उत्पादन से जुड़े हुए स्थानीय निवासी तोतराम का कहना है कि उन्होंने इस काम को चार टैंकों से शुरू किया और अब सोलह टैंक इन के पास है l इससे उन्हें आर्थिक रूप से भी काफी मदद मिल रही है। अपने ट्राउट फिश फार्म में वह हर साल 15 टन से 20 टन से अधिक मछली का उत्पादन कर रहे हैं। ऐसे में गर्मियों के सीजन के दौरान कुल्लू मनाली में ही इस मछली की खपत हो जाती है। तो वहीं अक्टूबर माह के बाद बाहरी राज्यों में इसकी डिमांड बढ़ जाती है। ट्राउट मछली जहां सेहत के लिए भी अच्छी होती है खास कर यह ट्राउट दिल की बीमारी के लिए काफी लाभदायक है l तो वही इसके उत्पादन से भी अब घाटी के लोगों को घर द्वार पर रोजगार मिल रहा है।

वही ट्राउट मछली खरीदने चंडीगढ़ से पतलीकुहल पहुंचे इकबाल का कहना है कि ट्राउट मछली ठंडे पानी की मछली है और यह साफ पानी में ही पाई जाती है। इस के लिए दस से बारह डिग्री तापमान की जरूरत होती है ऐसे में इस मछली में कई औषधीय गुण भी है और इसके सेवन से बीमारियां भी ठीक होती है। मछली फार्म संचालय तोत राम ने बताया कि ट्राउट मछली की सैलानियों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी काफी डिमांड करते हैं। ऐसे में बड़े-बड़े होटलों में भी ट्राउट फिश विशेष रूप से पड़ोसी जाती है। तोत राम ने बताया कि अब जिला कुल्लू के कई ग्रामीण इलाकों में अब युवा भी ट्राउट मछली के उत्पादन से अधिक संख्या में जुड़ रहे हैं।

पतलीकूहल में रेस्टोरेंट के संचालक आदित्य का कहना है कि उनके रेस्टोरेंट में भी ट्राउट मछली परोसी जाती है और इसे यहां पर लोग भी काफी पसंद करते हैं। ट्राउट मछली को कई तरह के पकवान बनाकर परोसा जाता है। ऐसे में कुल्लू मनाली के हर रेस्टोरेंट में भी ट्राउट मछली विशेष रूप से ग्राहकों की मुख्य तौर पर डिमांड रहती है।

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