सात दिन वैदिक मंन्त्रों से गुंजा हिडिंबा मंदिर परिसर l
सात दिन वैदिक मंन्त्रों से गुंजा हिडिंबा मंदिर परिसर ।
पूर्णाहुति के साथ हिडिंबा मंदिर में शतचंडी महायज्ञ संपन्न ।
मनाली : ओम बौद्ध /
प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल हिडिंबा माता मंदिर में आयोजित सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ वीरवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया। सात दिन तक मंदिर परिसर वैदिक मंन्त्रों से गुंजा। समापन अवसर पर मंदिर परिसर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमे हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। दूर दूर से आए लोगों ने माता हिडिंबा का आशीर्वाद लिया और सुख समृद्धि की कामना की।
गौरतलब है कि 18 जुलाई को माता हिडिंबा के ढूंगरी स्थित मंदिर में शतचंडी महायज्ञ शुरू हुआ था। लगभग दस वर्ष के बाद मंदिर में शतचंडी महायज्ञ का आयोजन हुआ। पांच दिनों तक मंदिर में शतचंडी पाठ किया गया। मंत्रो का जाप करने के बाद बुधवार और वीरवार को आहुतियाँ डाली गई। वीरवार को लगभग तीन बजे पूर्णहुति हुई। इसके बाद प्रसाद वितरण हुआ और भंडारे का आयोजन किया गया। ख़ास यह है कि शतचंडी महायज्ञ को सफल बनाने में ओल्ड मनाली और ढूंगरी गांव के ग्रामीणों ने सात दिन तक श्रमदान किया। अंतिम दिन सभी ग्रामीण श्रमदान करने मंदिर पहुंचे। महायज्ञ में घाटी के कई देवी देवता विराजमान हुए। सात दिन तक सुबह और शाम के समय विधिवत पूजा के अलावा दोपहर में तीन बार आरती हुई। सात दिन तक 15 ब्राह्मणों ने मंदिर में शतचंडी पाठ किया। महायज्ञ में माता हिडिंबा, मनु ऋषि, कंचन नाग, शंख नारायण, कार्तिक स्वामी, सियाली महादेव, शांडिल ऋषि, वीरनाथ, वशिष्ट ऋषि, सृष्टि नारायण, फाली नाग, शिरघन नाग आदि देवो देवता भाग लिया। माता हिडिंबा एवं मनु ऋषि के कारदार रघुवीर नेगी ने बताया कि सात दिन महायज्ञ का आयोजन हुआ। आजपूर्णाहुति के पश्चात विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमे भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने अन्न ग्रहण किया और सुख समृद्धि की कामना की। महायज्ञ का आयोजन विश्व शान्ति के लिए किया गया।
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