दुकान में नाबालिग बच्चों को काम पर लगाने के मामले में चिकन शॉप के मालिक को श्रम विभाग द्वारा चालान काटा गया
दुकान में नाबालिग बच्चों को काम पर लगाने के मामले में चिकन शॉप के मालिक को श्रम विभाग द्वारा चालान काटा गया
बटाला : (अविनाश शर्मा, संजीव नैयर )
दुकान में नाबालिग बच्चों को काम पर लगाने के मामले में चिकन शॉप के मालिक को श्रम विभाग गुरदासपुर द्वारा चालान काटा गया और मानयोग अदालत में पेश होने के लिए कहा गया।
गौरतलब है कि आज श्रम विभाग गुरदासपुर के इंस्पेक्टर गुरजापाल सिंह ने अपनी टीम और बटाला पुलिस के साथ सिंबल चौंक बटाला स्थित एक चिकन शॉप की दुकान पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान उन्होंने देखा कि दुकान में दो नाबालिग बच्चों को मजदूरी के तौर पर काम लिया जा रहा है।. इंस्पेक्टर गुरजापाल ने इस संबंध में तुरंत कार्रवाई की और नाबालिग बच्चों को मजदूरी करने से रोका और दुकान मालिक से नाबालिग बच्चों से मजदूरी कराने के संबंध में पूछताछ की और ताड़ना भी की, जिस पर वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका और उससे बहस करने लगा इंस्पेक्टर गुरजापाल ने तुरंत दुकान मालिक का बालश्रम विरोधी अधिनियम के तहत चालान कर दिया और दुकान मालिक को पहले ही चेतावनी दे दी कि वह नाबालिग बच्चों से मजदूरी न करवाए। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए इंस्पेक्टर गुरजापाल ने कहा कि बाल श्रम के खिलाफ श्रम विभाग पूरी तरह से सतर्क है, जहां भी विभाग को बाल श्रम से संबंधित सूचना मिलती है, विभाग तुरंत उस पर कार्रवाई करता है।. इसी तरह, सूचना के आधार पर आज बटाला के सिंबल चोंक स्थित एक चिकन की दुकान पर छापा मारा गया और पाया गया कि दुकान का मालिक 2 नाबालिग बच्चों को, जिनकी उम्र 15 साल से कम थी, दुकान में मजदूरी का काम लिया जा रहा है। जब उक्त बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे पिछले 5 वर्षों से इस दुकान में काम कर रहे हैं. बच्चों के बयानों के आधार पर चिकन शॉप के मालिक का चलान काटा गया और उन्हें इस संबंध में लेबर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है ।. पत्रकारों से बात करते हुए उक्त दुकान के मालिक ने कहा कि वह दुकान पर कम ही आते हैं, दुकान उनके लड़के चलाते हैं. दुकान पर नाबालिग बच्चों के काम करने की जानकारी नहीं थी, लेकिन आज जब श्रम विभाग दुकान पर आया तो जानकारी मिली. उन्होंने बताया कि इन बच्चों को उचित वेतन दिया जाता है और दुकान में बच्चों के साथ कोई अत्याचार या क्रूरता नहीं की जाती, इन बच्चों को अनुकंपा के आधार पर दुकान में काम करने के लिए रखा गया था
बटाला में बाल मजदूरी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है
क्या विभाग केवल बाल श्रम विरोधी दिवस के दौरान ही सतर्क है....?
गौरतलब है कि बटाला शहर में बाल श्रमिकों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। नाबालिग बच्चों को दुकानों, होटलों, ढाबों, राजमिस्त्री और घरों में काम करते देखा जा सकता है। इन नाबालिग बच्चों से वयस्क मजदूरों की तरह काम लिया जाता है और उन्हें कम वेतन दिया जाता है, जिसके कारण इन बच्चों का बड़े पैमाने पर शारीरिक शोषण किया जा रहा है। घर में गरीबी और अशिक्षा इन बच्चों को बाल श्रमिक बनने के लिए मजबूर करती है और कहीं न कहीं इस बाल श्रम का मुख्य कारण श्रम विभाग की लापरवाही है। क्योंकि बटाला में खुलेआम और बेखौफ होकर बाल मजदूरी हो रही है. श्रम विभाग का ढीला प्रदर्शन भी इसका मुख्य कारण है क्योंकि 12 जून को पूरे विश्व में बाल श्रम दिवस मनाया जाता है और शेष 11 महीने विभाग लगता है जैसे कुम्भकर्णी नींद सोया रहता है।
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