प्रदेश सरकार डिजिटल बदलाव के माध्यम से समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध - अभिषेक जैन - Smachar

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प्रदेश सरकार डिजिटल बदलाव के माध्यम से समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध - अभिषेक जैन

 प्रदेश सरकार डिजिटल बदलाव के माध्यम से समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध - अभिषेक जैन

बद्दी में डिजीटीकरण विषय पर कार्यशाला एवं संवाद सत्र आयोजित


हिमाचल प्रदेश के डिजिटल टेक्नोलाॅजीज़ एण्ड गवर्नेंस विभाग के सचिव अभिषेक जैन ने कहा कि प्रदेश सरकार डिजिटल बदलाव के माध्यम से आमजन को समयबद्ध एवं सर्वसुलभ सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अभिषेक जैन आज सोलन ज़िला के नालागढ़ उपमण्डल के बद्दी में ‘वर्कशाॅप आॅन एप्लीकेशन आॅफ आर्टिफिश्यिल इंटेलीजेंस एण्ड डिजिटल टेक्नोलाॅजीज़ फाॅर इफैक्टिव गवर्नेंस इन हिमाचल प्रदेश’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला एवं संवाद सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।    

अभिषेक जैन ने कहा कि डिजिटल बदलाव का मुख्य उद्देश्य आम जन तक विभिन्न नागरिक केन्द्रित सेवाओं को समयबद्ध पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि डिजिटीकरण के माध्यम से नागरिक इन सेवाओं का लाभ कहीं भी किसी भी समय उठा सकते हैं। इससे जहां उनके समय व धन की बचत होती है वहीं प्रदेश सरकार द्वारा नागरिकों को त्वरित सेवाएं सुनिश्चित बनाई जा सकती हंै। उन्होंने कहा कि हिमाचल ऑनलाईन सेवा पोर्टल (ई-डिस्ट्रिक्ट) पर 217 सेवाएं नागरिकों को ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जा रही हैं।  

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू डिजिटीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी के आमजन हितैषी प्रयोग पर बल दे रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में पहली बार डिजिटल गवर्नेंस के लिए मुख्यमंत्री परिषद गठित की गई है। इस परिषद का उद्देश्य हिमाचल को डिजिटल रूप में विकसित कर जन-जन तक डिजिटीकरण के लाभ पहुंचाना है।

अभिषेक जैन ने कहा कि सभी के समय, धन और प्रयासों की बचत के लिए हिमाचल प्रदेश में ई-आॅफिस का कार्यान्वयन आरम्भ कर दिया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं ई-आॅफिस का प्रयोग कर आमजन को लाभान्वित कर रहे हैं।

डिजिटल टेक्नोलाॅजीज़ एण्ड गवर्नेंस विभाग के सचिव ने कहा कि आज की कार्यशाला एवं संवाद सत्र का उद्देश्य शिक्षाविदों एवं क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत साझेदारों से फीडबैक प्राप्त कर विभिन्न आॅनलाईन सेवाओं में सुधार लाना और सरकारी क्षेत्र में नित नवीन तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देना है।  

अभिषेक जैन ने कहा कि आज की कार्यशाला में सरकारी क्षेत्र में तकनीक के श्रेष्ठतम प्रयोग के विषय में एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कर मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी।

उन्होंने कहा कि तकनीक के कार्यान्वयन की चुनौतियों से निपटने के लिए सार्थक चर्चा आवश्यक है ताकि कमियों को दूर कर लोगों तक अधिक लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने उपस्थित शिक्षाविदों एवं विशेषज्ञों का आह्वान किया कि व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए तार्किक सुझाव प्रस्तुत करें।

अभिषेक जैन ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के अन्य ज़िलों में भी आयोजित की जाएंगी ताकि प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में कार्यान्वित की जा रही डिजीटीकरण के विषय में उचित फिडबैक प्राप्त कर सुधार किया जा सके।

बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण (बीबीएनडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ललित जैन ने कहा कि डिजिटल कार्यप्रणाली के बेहतर कार्यान्वयन के लिए निरंतर प्रशिक्षण आवश्यक है। उन्होंने बीबीएनडीए में डिजिटीकरण के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

डिजिटल टेक्नोलाॅजीज़ एण्ड गवर्नेंस विभाग के निदेशक मुकेश रेपसवाल ने कहा कि हिमाचल आॅनलाईन सेवा पोर्टल (ई-डिस्ट्रिक्ट) के माध्यम से अब तक 39 विभागों की सेवाएं आॅनलाईन उपलब्ध करवाई गई हंै। विभाग विभिन्न सेवाओं के सरलीकरण की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर वर्ष 2019 में 42 हजार, वर्ष 2020 में 08 लाख तथा 2021 में लगभग 15 लाख आवेदन प्राप्त हुए हंै। उन्होंने कहा कि आॅनलाईन कार्य करने में अक्षम व्यक्तियों के लिए प्रत्येक पंचायत में लोक मित्र केन्द्र कार्यरत हैं।

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस मोहाली की नीति निदेशक डाॅ. आरुषि जैन ने कहा कि डिजिटल साक्षरता के लिए जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने हिमाचल सरकार के हिम डाटा पोर्टल सहित इंडिया डाटा पोर्टल एवं देश में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विभिन्न विधिक प्रावधानों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों और विभागों के प्रतिनिधियों ने डिजीटीकरण के विषय में व्यावहारिक सुझाव प्रस्तुत किए।

इस कार्यशाला एवं संवाद सत्र में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बद्दी मोहित चावला, सोलन एवं ऊना ज़िला प्रशासन के साथ उद्योग, श्रम एवं रोज़गार, पुलिस, डिजिटल टेक्नोलाॅजीज़ एण्ड गवर्नेंस विभाग तथा इंडियन स्कूल आॅफ बिजनेस हैदराबाद और मोहाली, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ऊना, हाईड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज बिलासपुर, चितकारा विश्वविद्यालय, एल.आर संस्थान, शूलिनी विश्वविद्यालय सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों ने भाग लिया

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