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सतलुज जल विद्युत निगम की परियोजनाओं में मजदूरों ने की हड़ताल

सतलुज जल विद्युत निगम की परियोजनाओं में मजदूरों ने की हड़ताल 


( शिमला ब्यूरो गायत्री गर्ग ) सतलुज जल विद्युत निगम की परियोजनाओं 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी, 412 मेगावाट रामपूर और 210 मेगावाट लूहरी में मजदूरों ने हड़ताल की। हड़ताल में लगभग 1000 मजदूर शामिल रहे।

हड़ताल को सम्बोधित करते हुए सीटू अखिल भारतीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर, राज्य अध्यक्ष विजेन्द्र मेहरा, राज्य महासचिव प्रेम गौतम, ज़िला शिमला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, उपाध्यक्ष रणजीत ठाकुर, सचिव अमित,काम राज, गुरदास,नीलदत्त शर्मा,आनंद मेहता, राजकुमार, कपिल, अजय शर्मा, दुर्भासा शर्मा, संदीप, संजीव, राजकुमार,संजीव ने कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम की तीनों परियोजनाओं 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी, 412 मेगावाट रामपूर और 210 मेगावाट लूहरी में प्रबंधन द्वारा श्रम कानूनों की खुली उलंघना की जा रही है। मजदूरों को 3 महीने से वेतन नही दिया जा रहा है।

मजदूर नेताओं ने कहा कि 412 मेगावाट रामपूर और 1500 मेगावाट के मजदूरों द्वारा प्रबंधन को मांगपत्र दिया है, जिसमें प्रमुख मांगे परियोजना में काम कर रहे मजदूरों के लिए पदोन्नति नीति, सामूहिक बीमा, काम के आधार पर पद, 22000 रूपए वर्दी भत्ता,धुलाई भत्ता, यात्रा भत्ता में बढ़ोतरी व कटे हुए ट्रेड को द्वारा से लगाना शिफ्ट गाड़ी की व्यवस्था आदि मुख्य मांगें है।

मजदूर नेताओं ने कहा कि यूनियन के द्वारा प्रबंधन को मजदूरों की मांगों व समस्याओं को लेकर 4 महीने से अधिक का समय हो गया है परंतु एस जे वी एन एल प्रबंधन द्वारा जानबूझकर मजदूरों की मांगों का हल बातचीत के माध्यम से नहीं करना चाहती है।


एस जे वी एन एल प्रबंधन द्वारा समस्याओं का निदान करने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है और रुख लगातार मजदूर विरोधी अपनाया जा रहा है, एक प्रोजेक्ट के अंदर मजदूरों के साथ 2 तरह का व्यवहार किया जा रहा है एक ही काम के लिए 2 तरह का वेतन दिया जा रहा वो ठेका मजदूर के मामलों व रेगुलर मजदूर दोनों के मामले में है जो कि गलत है और सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्टूबर 2016 के आदेश की की खुली उलघ्ना है। प्रोजेक्ट में स्थाई किस्म का काम इन मजदूरों से करवाया जा रहा है और रोजगार ठेके पर दिया गया है जो कि श्रम कानून की उलंघना है मजदूरों को चिन्हित करके प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। मांगपत्र पर प्रबंधन का यूनियन के साथ सिर्फ औपचारिक बैठक करना और उस बैठक में मजदूरों को धमकी देना प्रबंधन का मजदूर विरोधी अड़ियल रवैये को दर्शाता है।

दूसरी तरफ जो मजदूर अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें परेशान करने के लिए प्रबंधन के द्वारा ठेकेदारों पर दबाव बनाकर गैर कानूनी हथकंडे अपना कर मजदूरों को डराने धमकाने का काम एस जे वी एन एल प्रबंधन कर रहा है। 

यूनियन के नेताओं ने प्रबंधन को चेताया यदि प्रबंधन ने मजदूरों को प्रताड़ित किया और यूनियन की मांगों पर बातचीत करके निष्कर्ष नही निकला तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन कर अनिश्चितकालीन धरना हड़ताल की जाएगी साथ में शिमला में sjvnal के मुख्य कार्यालय की घेराबंदी भी की जाएगी।



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