भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप नीतियां बनाएगी सरकार : सीएम सुक्खू - Smachar

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भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप नीतियां बनाएगी सरकार : सीएम सुक्खू

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हमारा उद्देश्य नए स्कूल और महाविद्यालय खोलना ही नहीं है, बल्कि अध्यापकों की समुचित तैनाती और अन्य सुविधाएं जुटाना भी है। वह राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला में बुधवार को वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।



सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे- बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज की चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं को दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देना होगा। कहा कि राज्य सरकार ने 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है तथा विधवाओं के 23 हजार बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डॉ. वाई एस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के अंतर्गत गरीब विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर पर 20 लाख रुपये का ऋण उच्च शिक्षा के लिए उपलब्ध करवा रही है। 

उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि प्रदेश गुणात्मक शिक्षा में देशभर में 21वें स्थान पर पहुंच गया है। इसलिए शैक्षणिक सत्र के बीच अध्यापकों का स्थानांतरण न करने का फैसला लिया है। भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप नीतियां बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांव में भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास कर रही है।

सीएम ने कहा कि सरकार प्रदेश के बच्चों को विदेशों में नौकरी करने लिए सुविधा मुहैया करवाएगी। वहीं जो बच्चे सउदी अरब गए हैं, सरकार उनका ट्रेस एंड ट्रैक भी रखेगी, जिससे उनके साथ किसी प्रकार का शोषण न हो। उन बच्चों का सरकार ख्याल रखेगी।

प्रदेश में नेस यानी नेशनल अचीवमेंट सर्वे दिसंबर के पहले सप्ताह में होगा। इसके लिए प्रदेश के सभी शिक्षक मिशन मोड में काम करें। यह आह्वान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने धर्मपुर में अंडर-14 स्कूली छात्रों की राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं के शुभारंभ पर कही। रोहित ने कहा कि कभी हिमाचल का शिक्षा स्तर ऐसा था कि केरल के बाद दूसरे स्थान पर आता था। अब हिमाचल 21वें पायदान पर है। दिसंबर के पहले सप्ताह में होने वाले नेस सर्वे में तीसरी, छठी और नौंवी के बच्चों के शैक्षणिक स्तर जांचा जाएगा। इस बार हिमाचल ने बेहतर स्थिति में आना है। इसके लिए शिक्षकों को जी-जान लगाकर मेहनत करनी होगी। सभी शिक्षक संकल्प के साथ काम करें। इस मौके पर धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि आज इस बात पर मंथन करने की जरूरत है कि स्कूल बंद होने के बाद भी शिक्षा की अलख को कैसे जगाया जाए। इसके लिए रेजिडेंशियल स्कूलों पर काम करने की अधिक जरूरत है। इस मौके पर विधायक चंद्रशेखर ने शिक्षा मंत्री के समक्ष शिक्षा विभाग से संबंधित 10 करोड़ की मांगें रखीं। इसे शिक्षा मंत्री ने मौजूदा और आगामी सत्र में पूरा करने का भरोसा दिलाया। प्रतियोगिता में बाल मेले का आयोजन भी किया जा रहा है। इसमें बच्चों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है।

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