राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज कर लिया है।
राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज कर लिया है।
सोमवार को जिला मुख्यालय चम्बा में बिजली बोर्ड कर्मचारियों सहित सेवानिवृत कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों ने संयुक्त धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की गई। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि बिजली बोर्ड को विघटित कर वे निजी कंपनियों के हवाले नहीं करने देंगे। उन्होंने समाप्त किए गए सभी 51 इंजीनियरिंग कैडर पदों को लेकर तुरंत बहाली भी मांगी। उन्होंने कहा कि मांगों पर सरकार व बोर्ड प्रबंधन द्वारा कोई कार्यवाही न होने से कर्मचारियों और अभियंताओं में भारी आक्रोश है। ऐसे में उन्हें पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन कर विरोध जताने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा। राज्य संयुक्त सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि 16 अक्तूबर 2024 की अधिसूचना के अनुसार समाप्त किए गए सभी 51 इंजीनियरिंग कैडर पदों की बहाली होनी चाहिए। एक दशक से अधिक समय से ड्राइवर के रूप में काम कर रहे 81 आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले छंटनी के आदेशों को वापस लिया जाए। बिना किसी देरी के बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू किया जाए। बिजली बोर्ड ट्रांसफर स्कीम 2010 से जुड़े द्विपक्षीय समझौते का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि संयुक्त मोर्चे के परामर्श के बिना कोई भी संपत्ति हस्तांतरित न हो। इसके अतिरिक्त टी-मेट के 1,030 स्वीकृत पदों के लिए चयन प्रक्रिया आरंभ की जाए तथा अन्य रिक्त पदों को भरा जाए। पेंशन और वेतन का बकाया भी जारी किया जाए। बहरहाल, अपनी मांगों को लेकर बिजली बोर्ड का संयुक्त मोर्चा अब सड़कों पर उतर आया है।
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