पिछले टी-20 वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन की समीक्षा और आगामी टूर्नामेंट के रोडमैप को लेकर बैठक - Smachar

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पिछले टी-20 वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन की समीक्षा और आगामी टूर्नामेंट के रोडमैप को लेकर बैठक

लगातार दो साल टी-20 विश्व कप में मिली नाकामी के बाद बोर्ड इस साल घर में हर हाल में वर्ल्ड कप जीतना चाहता है। इस लिहाज से बीसीसीआई ने बीस ऐसे नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं, जिन्हें वनडे वर्ल्ड कप के लिए पहली पसंद माना जा रहा है।इनके वर्कलोड मैनेजमेंट को नेशनल क्रिकेट एकेडमी, आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए मिलकर मॉनिटर करेगी। इन्हीं बीस नामों को अलग-अलग सीरीज में रोटेट भी किया जाएगा।बहरहाल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के इस फैसले में उन बीस खिलाड़ियों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है, जिन्हें इस प्राथमिक सूची में शामिल किया जाएगा। हालांकि, यह साफ है कि इस सूची में बड़े खिलाड़ियों को जगह मिलने के साथ युवाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। इस फैसले में खिलाड़ियों के व्यस्त कार्यक्रम और वर्कलोड मैनेजमेंट की तू-तू मैं-मैं के साथ अन्य टूर्नामेंटों पर फ्रेंचाइजी आधारित क्रिकेट को तवज्जो देने के आरोपों के समाधान की झलक दिखती है। क्रिकेट पंडितों की मानें तो यह ऐसा फैसला है, जिससे आईपीएल फ्रेंचाइजियों की टेंशन बढ़ सकती है। उन्हें यह डर सता रहा है कि कहीं विश्व कप की तैयारियों के लिहाज से दिग्गज खिलाड़ियों को आईपीएल से ब्रेक लेने का आदेश जारी न कर दिया जाए। विश्व कप के लिहाज से जिन बीस खिलाड़ियों का कोर ग्रुप तैयार करने की बात की जा रही है, उनमें मुख्य रूप से ज्यादातर वही खिलाड़ी होंगे जो पिछले कुछ वक्त से लगातार वनडे टीम का हिस्सा हैं। इनमें कप्तान रोहित शर्मा के अलावा विराट कोहली, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह, श्रेयस अय्यर, रवींद्र जड़ेजा, सूर्यकुमार यादव, केएल राहुल जैसे नामों का होना तय है। इनके अलावा हाल में वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले इशान किशन, अक्षर पटेल, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल के भी इस शॉर्ट लिस्ट का हिस्सा होने की पूरी-पूरी संभावना है। हालांकि, विकेटकीपिंग में पहले पसंद ऋषभ पंत को लेकर बोर्ड क्या फैसला करेगा, यह उनकी फिटनेस पर निर्भर करेगा। अगर वे टीम में शामिल नहीं हो पाते हैं तो किशन और राहुल को भारतीय टीम में मुख्य विकेटकीपर की भूमिका मिल सकती है। अगर भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी में अनुभवी जोड़ी के साथ आगे बढ़ने का फैसला करते हैं, तो शिखर धवन, कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली शीर्ष तीन में मजबूत नजर आते हैं। ओपनिंग जोड़ी के लिए केएल राहुल, इशान किशन, पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल पहली पसंद हो सकते हैं। 2019 विश्व कप में मध्यक्रम ने ही टीम की को डूबो दिया था। इस लिहाज से इस क्रम को मजबूत करने पर बोर्ड विशेष ध्यान देगा। इसके लिए श्रेयस अय्यर के साथ दीपक हुड्डा और संजू सैमसन पर भी नजर होगी। ऑलराउंडरों की सूची में पंड्या और जड़ेजा का नाम पहेल नंबर पर होगा। गेंदबाजी की बात करें तो हाल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवा अर्शदीप सिंह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और उमरान मलिक में से किसी को भी जगह मिल सकती है। स्विंग गेंदबाजी विकल्प के तौर पर भुवनेश्वर कुमार या दीपक चाहर में से किसी एक को और मोहम्मद शमी का विकल्प रखा जा सकता है। स्पिनर के तौर पर यजुवेंद्र चहल, अक्षर पटेल और आर अश्विन पहली पसंद होंगे। विश्व कप फतह के लिहाज से बनाई गई बोर्ड की इस रणनीति से ज्यादातर क्रिकेट के जानकार इत्तेफाक रखते हैं। कोर ग्रुप में शामिल बीस खिलाड़ियों का नाम तो बाद में जाहिर होगा, लेकिन इस फैसले से लंबे समय से आईपीएल के कारण खिलाड़ियों की व्यस्तता को लेकर छिड़ी बहस का भी समाधान हो जाएगा। काफी समय से भारतीय टीम में खिलाड़ियों की जगह की निरंतररता को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। यह कहा जाता रहा है कि इससे उन्हें फॉर्म हासिल करने का पूरा मौका नहीं मिलता, इस लिहाज से भी यह फैसला बेहतरीन है। बोर्ड ने बताया है कि उभरते खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन के योग्य होने के लिए पर्याप्त घरेलू सत्र खेलना होगा। यह एक बड़ा और लंबे समय से अपेक्षित फैसला है। पुराने समय में यही होता था, लेकिन बीते कुछ सालों में आईपीएल में प्रदशर्न को ही राष्ट्रीय टीम में चयन का पैमाना मान लिया गया था। कहना होगा कि इससे टीम और खिलाड़ियों को काफी नुकसान हो रहा था।

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