फतेहपुर सरकारी वायदे पूरे न होते देख शहीद के परिवार ने खुद के पैसों से बनवा डाला शहीद के नाम का गेट - Smachar

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फतेहपुर सरकारी वायदे पूरे न होते देख शहीद के परिवार ने खुद के पैसों से बनवा डाला शहीद के नाम का गेट

फतेहपुर सरकारी वायदे पूरे न होते देख शहीद के परिवार ने खुद के पैसों से बनवा डाला शहीद के नाम का गेट 


फतेहपुर : बलजीत ठाकुर /  2019 में रजोरी के पुंछ में शहीद हुए उपरली सिहाल के सपन चौधरीं के परिजनों ने सरकारी वायदों को पूरा न होते देख आखिरकार 24 जनवरी 2023 को शहीद सपन चौधरीं की यादगार में खुद लाखों रु खर्च कर शहीद के नाम का गेट बनवा मिसाल पेश कर दी ।
सनद रहे गत 3 जनवरी 2019 को उपमण्डल फतेहपुर की पँचायत मनोह सिहाल के गाँव उपरली सिहाल का सपन चौधरी भरी जवानी में रजोरी के पुंछ में बर्फीले तूफान की चपेट में आकर शहीद हो गया था ।
परिजन शहीद की याद को तरोताजा रखने के लिए शहीद के नाम का गेट बनवाने के लिए लगभग चार साल तक सरकार व प्रशासन से गुहार लगाते रहे ।
लेकिन इतना समय बीतने उपरांत भी सरकार व प्रशासन की तरफ से शहीद के नाम का गेट न बनवा  पाने पर आखिरकार परिवार वालों ने खुद के पैसों से गेट बनवाने का प्रण लिया और 24 जनवरी को गेट बनवाकर उस पर शहीद की प्रतिमा का अनावरण भी कर दिया ।
इस पर जानकारी देते हुए शहीद सपन चौधरी के पिता बीर सिंह ने बताया गेट के साथ ही प्रतिमा बनबाने पर लगभग चार लाख रु का खर्च हुआ है ।
बताया गेट व प्रतिमा उन्होंने अपने जवान बेटे की शहादत को यादगार बनाने के लिये खुद के पैसों से बनबाये हैं ।
उन्होंने कहा सरकार ब प्रशासन से शहीद के नाम का  गेट बनबाने की कई बार गुहार लगाई गई ।
लेकिन हर बार बजट न होने का हवाला दिया जाता रहा ।
जिसके चलते हमने खुद के पैसों से गेट बनबाकर उस पर प्रतिमा का अनाबरण किया है ।
सनद रहे शहीद सपन चौधरी की शहादत के वक्त उसका छोटा लड़का लगभग एक साल का था । वही शहीद अपने पीछे पत्नी ललिता देबी ब दो लड़के नमिश चौधरीं व सार्थिक चौधरी छोड़ गया था ।
वहीं शहीद की माता स्वर्णा रानी आज भी अपने जबान बेटे की शहादत पर आंसू बहाती रहती है ।
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