विकास खण्ड नगरोटा सूरियां को पुनः नगरोटा सूरियां स्थापित करने के आदेश
विकास खण्ड नगरोटा सूरियां को पुनः नगरोटा सूरियां स्थापित करने के आदेशों की वुधवार को खबर मिलते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर
ग्रामीण विकास विभाग ने विकास खण्ड को पुनः ज्वाली से नगरोटा सूरियां में स्थापित करने के दिए निर्देश
(नगरोटा सूरियां : प्रेम स्वरूप शर्मा ) विकास खण्ड नगरोटा सूरियां को ज्वाली से पुनः नगरोटा सूरियां स्थापित करने के आदेशों की वुधवार को खबर मिलते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है। ग्रामीण विकास विभाग ने विकास खण्ड अधिकारी को पत्र लिख कर विकास खण्ड को पुनः ज्वाली से स्थानांतरित कर नगरोटा सूरियां में स्थापित करने के निर्देश जारी किए हैं।
विकास खण्ड अधिकारी ने प्रदेश उच्च न्यायालय की रोक के बाबजूद 08 जुलाई को विकास खण्ड को नगरोटा सूरियां से ज्वाली शिफ्ट कर दिया और इसका प्रदेश ग्रामीण विकास विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है और ग्रामीण विकास विभाग ने न्यायाल के रोक आदेशों की पालना करते हुए विकास खण्ड को पुनः नगरोटा सूरियां स्थापित करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं।
विकास खण्ड मुख्यालय के सभी दस्तावेजों को नगरोटा सूरियां से बीडीओ ने 08 जुलाई को पुलिस फोर्स की निगरानी में सुबह 08 बजे लोक निर्माण विभाग की गाड़ियों में ज्वाली शिफ्ट कर दिया था। जबकि ब्लॉक बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक संजय महाजन ने 08 जुलाई को ही प्रदेश उच्च न्यायालय के सटे ऑर्डर भी बीडीओ को दिखा दिए थे लेकिन बीडीओ ने तानाशाही रबैया अपनाते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर ब्लॉक मुख्यालय को नगरोटा सूरियां से ज्वाली स्थानांतरित कर दिया। इस पर संघर्ष समिति ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना का मामला उच्च न्यायालय में दर्ज कर दिया।
उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए विभाग के निदेशक ने 18 अगस्त को पत्र लिख कर खण्ड विकास अधिकारी को तुरन्त प्रभाव से विकास खण्ड को ज्वाली से नगरोटा सूरियां बापस स्थापित करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं।
ब्लॉक बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक संजय महाजन ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ नगरोटा सूरियां की जनता की एक बहुत बड़ी जीत है जिन्होंने ब्लॉक को नगरोटा सूरियां से ज्वाली स्थानांतरित करने की सरकार की अधिसूचना के विरोध में 27 दिन तक क्रमिक अनशन व विरोध प्रदर्शन किया था।
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