पर्यावरण संरक्षण की जंग: मिलखी राम शर्मा ने पुरानी कहावत के जरिये उठाए गंभीर सवाल, वीडियो बयान आया सामने
पर्यावरण संरक्षण की जंग: मिलखी राम शर्मा ने पुरानी कहावत के जरिये उठाए गंभीर सवाल, वीडियो बयान आया सामने
फतेहपुर : बलजीत ठाकुर /
पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा ने एक बार फिर पौंग झील सेंचुरी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी समस्याओं पर खुलकर अपनी आवाज बुलंद की है। शनिवार को उनका एक वीडियो बयान दोपहर 12 बजे सामने आया, जिसमें उन्होंने एक पुरानी कहावत के माध्यम से विभाग और प्रशासन पर सवाल खड़े किए।
पुरानी कहावत से जताई पीड़ा
इस कहावत का सहारा लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस विभाग के जिम्मे पौंग सेंचुरी क्षेत्र में की गई प्लांटेशन की देखरेख है, वही विभाग इसकी सही ढंग से रखवाली करने में नाकाम साबित हो रहा है।
प्लांटेशन को नुकसान
उन्होंने आरोप लगाया कि आज भी पट्टा से लेकर मंझार तक सरकारी भूमि के साथ-साथ निजी भूमि पर भी गुज्जरों के डेरे बने हुए हैं। उनकी भैंसें सेंचुरी क्षेत्र में की गई नई पौधों वाली प्लांटेशन को नुकसान पहुँचा रही हैं। मिलखी राम शर्मा ने इस बात का सबूत देते हुए ताज़ा वीडियो फुटेज भी जारी किया है।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
मिलखी राम शर्मा ने कहा कि प्रशासन खुद को एफआईआर दर्ज करने पर संतुष्ट मान रहा है, लेकिन इससे असल स्थिति नहीं बदली।
उनका जवाब था—नहीं। आज भी गुज्जर वहीं मौजूद हैं और प्लांटेशन को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं।
आगे की कार्यवाही
उन्होंने बताया कि कुछ शरारती लोगों को नोटिस जरूर मिले हैं और बाकियों की सूची तैयार कर ली गई है, जिन्हें जल्द नोटिस भेजे जाएंगे। लेकिन तब तक प्लांटेशन को हो रहा नुकसान कौन रोकेगा, इस पर प्रशासन मौन है।
पर्यावरण बचाने का संकल्प
मिलखी राम शर्मा ने दोहराया कि उनका एकमात्र उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि शर्मा की यह आवाज़ वास्तव में जनहित से जुड़ा मुद्दा है। पौंग झील सेंचुरी न केवल वन्यजीवों का आश्रय स्थल है, बल्कि इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी और पर्यटन का आधार भी है। यदि प्लांटेशन नष्ट होते रहे तो इसका सीधा असर पर्यावरण और स्थानीय आजीविका पर पड़ेगा।
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