बरसात में उबला हुआ पानी ही पिएं, स्क्रब टायफस से बचाव जरूरी : डॉ. अलेक्जेंडर फिलिप
बरसात में उबला हुआ पानी ही पिएं, स्क्रब टायफस से बचाव जरूरी : डॉ. अलेक्जेंडर फिलिप
मनाली : ओम बौद्ध /
बरसात का मौसम जहां राहत लेकर आता है वहीं इस दौरान गंदे पानी और नमी के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। लेडी विलिंगडन हॉस्पिटल मनाली के प्रभारी डॉ. अलेक्जेंडर फिलिप ने लोगों से बरसात के दिनों में विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इन दिनों दूषित पानी पीने से पीलिया, हेपेटाइटिस और टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों के मामले अस्पताल में लगातार आ रहे हैं।
डॉ. फिलिप ने लोगों को सलाह दी है कि पानी को पीने से पहले अवश्य शुद्ध किया जाए। उन्होंने कहा कि नल का या बाहर से आने वाला पानी पहले कपड़े से छान लें और उसके बाद कम से कम 20 मिनट तक उबालें या फिर प्रेशर कूकर में दो सीटी आने तक पकाएं। इसके बाद पानी को ठंडा कर सुरक्षित बर्तन में रखें और केवल वही पानी पीएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा करने से पानी में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस नष्ट हो जाते हैं और बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
घास काटने के सीजन में स्क्रब टायफस का खतरा
डॉ. फिलिप ने बरसात के मौसम में एक और गंभीर बीमारी स्क्रब टायफस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समय घास काटने का सीजन चल रहा है और घास में पाए जाने वाले एक विशेष कीड़े के काटने से यह बीमारी फैलती है। इसके लक्षणों में शरीर पर घाव बनना, तेज बुखार आना और कमजोरी शामिल है। यदि समय पर इसका इलाज न हो तो मरीज की जान भी जा सकती है।
उन्होंने किसानों और बगीचों में काम करने वाले लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि वे सप्ताह में एक दिन डॉक्सिसिलिन का कैप्सूल जरूर लें। यह दवा स्क्रब टायफस से बचाव में प्रभावी है और बीमारी की गंभीरता को रोक सकती है।
जनता से अपील
डॉ. फिलिप ने कहा, “बरसात का मौसम बीमारियों का मौसम है। यदि हम थोड़ी सावधानी बरतें तो गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। पानी को हमेशा उबालकर पिएं और खेतों या बगीचों में काम करने वाले लोग डॉक्टर की सलाह से दवा लें। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।”
स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों से अपील की है कि वे बरसात में खान-पान और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। सुरक्षित पानी, साफ-सुथरा भोजन और समय पर उपचार ही बीमारियों से बचाव का सबसे कारगर उपाय है।
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