बे-सहारा पशुओं के उजड़े आशियाने होंगे पुनः आबाद: शीघ्र जारी होगा फंड – विधायक भुवनेश्वर गौड़ - Smachar

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बे-सहारा पशुओं के उजड़े आशियाने होंगे पुनः आबाद: शीघ्र जारी होगा फंड – विधायक भुवनेश्वर गौड़

 बे-सहारा पशुओं के उजड़े आशियाने होंगे पुनः आबाद: शीघ्र जारी होगा फंड – विधायक भुवनेश्वर गौड़


पतलीकूहल : ओम बौद्ध /

हालिया बाढ़ ने जहां इंसानी बस्तियों को तबाह किया, वहीं कटराईं बिहाल स्थित गऊशाला भी इसकी चपेट में आकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस आपदा के चलते अपरवैली क्षेत्र के सैकड़ों बे-सहारा पशु इधर-उधर भटक रहे हैं। बेजुबान पशुओं की इस पीड़ा को देखते हुए मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ स्वयं मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।


गऊशाला संचालक की आपबीती


गऊशाला संचालक विनय चौहान ने विधायक को जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ के समय वे चंडीगढ़ में थे। आपदा की सूचना मिलते ही उन्होंने चौकीदार और स्थानीय लोगों से टेलीफोन पर संपर्क कर गऊशाला में बंद पशुओं को तुरंत बाहर निकालने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि पशु बाड़ों में ही बंद रह जाते तो बाढ़ की तेज धारा में कई की जान जा सकती थी। चौहान ने बताया कि बाढ़ के मलबे ने न केवल गऊशाला के शैड को नष्ट कर दिया, बल्कि चारापानी की व्यवस्था भी अस्त-व्यस्त कर दी।


विधायक की पहल


विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने क्षतिग्रस्त ढांचों और मलबे का जायजा लेने के बाद विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मौके पर ही चर्चा की। उन्होंने गऊशाला के शैड के पुनर्निर्माण और मलबा हटाने की दिशा में तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि


> “बे-सहारा पशुओं को फिर से सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराने के लिए शीघ्र ही आवश्यक फंड जारी किया जाएगा। किसी भी हाल में इन बेजुबान प्राणियों को सड़कों पर भटकने नहीं दिया जाएगा।”




स्थानीय प्रतिनिधियों की मौजूदगी


इस मौके पर ग्राम पंचायत कटराईं के उप प्रधान राजकृष्ण ठाकुर, वार्ड पंच विकास महंत, अनिल शर्मा, करमचंद, विनय चौहान, मोहर सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने विधायक की इस पहल की सराहना की और गऊशाला के शीघ्र पुनर्निर्माण की उम्मीद जताई।


उम्मीद की किरण


स्थानीय लोगों का कहना है कि गऊशाला का पुनः निर्माण न केवल पशुओं को सुरक्षित आश्रय देगा, बल्कि क्षेत्र के पर्यावरणीय और सांस्कृतिक संतुलन के लिए भी जरूरी है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की कि इस काम को प्राथमिकता दी जाए, ताकि बाढ़ से बेघर हुए बेजुबान पशुओं को फिर से आशियाना मिल सके।

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