पांगी व लाहौल पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार - Smachar

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पांगी व लाहौल पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार

 पांगी व लाहौल पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार

सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत से आयोजित हुई विभिन्न गतिविधियां

गाइड तैयार करने से लेकर तमाम कार्यों को पहनाया गया अमलीजामा


( चंबा : जितेन्द्र खन्ना )

चंबा जिला की पांगी घाटी के साथ लाहौल अब पूरी तरह से पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हो चुके हैं। यहां पहुंचकर पर्यटक प्रकृति, जैव विविधता, साहसिक लंबी पैदल यात्रा, ट्रैकिंग, स्थानीय पारंपरिक और सांस्कृतिक त्योहारों का लुत्फ उठाने के साथ ही इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत इको टूरिज्म को लेकर नोट ओन मैप (चंबा स्थित ग्रामीण और सतत पर्यटन संगठन) द्वारा हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के उपमंडल पांगी व लाहौल में जिम्मेदार पर्यटन को लेकर कार्य किया गया। पांगी स्थित वन्य प्राणी क्षेत्र में कुछ ट्रेल्स नोट ओन मैप की ओर से चिन्हित की गई। इनके विकास के लिए वन विभाग के पास प्रपोजल दिया गया। इसके साथ ही पांगी घाटी व लाहौल के अलग-अलग गांव से करीब 35 गाइड तैयार किए गए। इनकी बेसिक ट्रेनिंग से लेकर एडवांस ट्रेनिंग करवाने के साथ ही इन्हें प्रमाणपत्र भी दिए गए। इस दौरान प्रकृति पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन, सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन आदि विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके लिए कई प्रशिक्षण और जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में पांगी के सेचू, सुराल, तिंदी, मियार, किलाड़ सहित लाहौल के स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें लोगों को पर्यटकों के स्वागत से लेकर उनके कौशल में सुधार करने का कार्य किया गया। पर्यटकों की आमद बढ़ने से यहां के लोगों की आजीविका में सुधार होगा। पांगी में वर्ष में मनाए गए लेपर्ड फेस्टिवल का भी नोट ओन मैप संस्था अहम हिस्सा रही। इसे पांगी व लाहौल का वार्षिक उत्सव बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इन क्षेत्रों में आ सकें। इससे स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि होगी। इसके लिए सोशल मीडिया पर प्रचार भी खूब किया गया। पर्यटकों को बहुत ही अनोखी संस्कृति और शायद ही कभी देखी गई प्रकृति का अनुभव होगा। सिक्योर हिमालया स्नो लैपर्ड कंजरवेशन पर भी कार्य किया गया। वन्य प्राणी व जैव विविधता को लेकर वन विभाग के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। नोट आन मैप को पांगी व लाहौल का क्षेत्र चिन्हित किया गया था। लाहौल के मियाड से लेकर पांगी क्षेत्र में संस्था कार्य किया गया।   


पांगी घाटी के 50 लोगों को दो बैच में तीर्थन वैली में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क क्षेत्र में एक्सपोजर विजिट करवाई गई। इन्हें बेहुरी गांव में ट्रांस हिमालया एडवेंटर कैंप में ले जाया गया। जहां पर उन्हें तीन-तीन दिन तक नेचर गाइडिंग के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा सांस्कृतिक महत्व के बारे में भी बताया गया। कलवारी गांव में लोगों ने अपनी सांस्कृतिक धरोहरों व पारंपरिक खानपान को आज भी जीवित रखा है। इसके अलावा कुल 100 लोगों को प्रशिक्षित किया है।

नोट ओन मैप संस्था के वाइड प्रेजिडेंट नाट आन मैप अभिमन्यू का कहना है कि पांगी घाटी के साथ-साथ लाहौल में यूएनडीपी एवं सिक्योर हिमालया प्रोजेक्ट के तहत कार्य किया गया है। अब दोनों स्थान पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। पर्यटकों की आमद बढ़ने से यहां के लोगों की आर्थिकी में और सुधार आएगा। 

प्रोजेक्ट को-आर्डिनेटर ऋति का कहना है कि जो कार्य पांगी व लाहौल में शुरू किया गया था। इसके काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। गाइड प्रशिक्षण देने के साथ ही पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

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