अतिरिक्त जिला उपायुक्त अश्वनी कुमार ने विधिक संरक्षकता की नियुक्ति के संबंध में एक बैठक ली है। - Smachar

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अतिरिक्त जिला उपायुक्त अश्वनी कुमार ने विधिक संरक्षकता की नियुक्ति के संबंध में एक बैठक ली है।

 अतिरिक्त जिला उपायुक्त अश्वनी कुमार ने विधिक संरक्षकता की नियुक्ति के संबंध में एक बैठक ली है। 


इस बैठक में, अतिरिक्त उपायुक्त ने राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के अंतर्गत निशक्त व्यक्तियों के लिए विधिक संरक्षकता के प्रावधानों पर चर्चा की और बताया कि 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद, निशक्त व्यक्तियों के लिए माता-पिता, रिश्तेदार या पंजीकृत संगठनों को विधिक संरक्षक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। 

 बैठक में जानकारी दी गई कि विधिक संरक्षकता एक कानूनी व्यवस्था है जो निशक्त व्यक्तियों को कानूनी रूप से सक्षम करने के लिए प्रदान की जाती है ताकि वे अपनी देखभाल और वित्त के मामलों का प्रबंधन कर सकें। यदि कोई निशक्त व्यक्ति 18 वर्ष से अधिक का है, लेकिन अपने मामलों को स्वयं प्रबंधित करने में सक्षम नहीं है, तो विधिक संरक्षक उसे यह करने में मदद करेगा। 

 जिले में विधिक संरक्षकता की नियुक्ति निशक्त व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए की जा रही है। यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें उचित कानूनी सहायता प्राप्त हो और वे अपने मामलों का प्रबंधन करने में सक्षम हो सकें।

बैठक की कार्यवाही का संचालन करते हुए जिला कल्याण अधिकारी गिरधारी लाल शर्मा ने जानकारी दी कि अभी तक जिला में अशक्त व्यक्तियों के लिए कुल 193 विधिक संरक्षक मामलों को मंजूरी दी जा चुकी है तथा बैठक में 7 नए मामलों का अनुमोदन किया गया।

बैठक में विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे

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