सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षा पर चार दिवसीय कार्यशाला शुरू - Smachar

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सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षा पर चार दिवसीय कार्यशाला शुरू

 सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षा पर चार दिवसीय कार्यशाला शुरू


मनाली : ओम बौद्ध /

मनाली के समीप हिमालय बौद्ध संस्कृति विद्यालय बटाहर बिहाल में हिमालय बौद्ध संस्कृति संरक्षण सभा द्वारा सी लर्निंग संबंधी चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ आज 27 जून, 2025 को हुआ। यह कार्यशाला सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक अध्ययन पर केंद्रित है।

इमोरी विश्वविद्यालय और पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गेशे लामा छोसपेल जोत्पा ने परम पावन दलाई लामा की सी लर्निंग की अवधारणा को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य शिक्षकों को सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक रूप से प्रशिक्षित करना है, ताकि वे विद्यार्थियों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बना सकें।

करुणा क्रांति से चुनौतियों का समाधान

पीरामल फाउंडेशन, राजस्थान के कार्यक्रम निदेशक ईशान शर्मा ने कार्यशाला के विषय की जानकारी देते हुए कहा कि पूरे विश्व में करुणा क्रांति लाकर ही चुनौतियों को दूर किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार प्रत्येक विद्यालय में सी लर्निंग संबंधी प्रशिक्षित शिक्षक तैयार करने में जुटी है।

इमोरी विश्वविद्यालय के निदेशक लोबजंग तेन्जिन नेगी ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए इस बात पर जोर दिया कि विद्यालयों में बच्चों को सामाजिक के साथ-साथ भावनात्मक एवं नैतिक रूप से मजबूत बनाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे आत्मघाती कदम उठाने से बचें।

मानवीय मूल्यों की आवश्यकता

डाइट कुल्लू के प्रधानाचार्य और विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र शर्मा ने बच्चों में बढ़ती घातक प्रवृत्तियों को खतरनाक बताते हुए उन्हें मानवीय मूल्यों से भरपूर करने पर बल दिया।

उद्घाटन समारोह में लामा छुत्पेन नेगी, डाइट कुल्लू के प्रवक्ता अजय कंबोज, डाइट कुल्लू के शिक्षक रमेश कुमार, पीरामल फाउंडेशन, बिहार की कार्यक्रम निदेशक तृप्ति मिश्रा, हिमाचल प्रदेश सी लर्निंग के कार्यक्रम प्रबंधक राजेंद्र ठाकुर समेत कई अन्य प्रतिभागियों ने अपने प्रभावी विचार व्यक्त किए।

ज्ञान का उपयोग करने का विश्वास

हिमालय बौद्ध संस्कृति विद्यालय की प्राचार्या पलकी ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस चार दिवसीय कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान का विद्यालय में भरपूर उपयोग किया जाएगा।

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