आइए जानें क्या रविवार के दिन स्त्री-सहवास, मसूर की दाल, काँसे के पात्र में भोजन इत्यादि कार्य करने चाहिए या नहीं व हिन्दू पंचांग - Smachar

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आइए जानें क्या रविवार के दिन स्त्री-सहवास, मसूर की दाल, काँसे के पात्र में भोजन इत्यादि कार्य करने चाहिए या नहीं व हिन्दू पंचांग

आइए जानें क्या रविवार के दिन स्त्री-सहवास, मसूर की दाल, काँसे के पात्र में भोजन इत्यादि कार्य करने चाहिए या नहीं व हिन्दू पंचांग 


दिनांक - 18 फरवरी 2024

दिन - रविवार

विक्रम संवत् - 2080

अयन - उत्तरायण

ऋतु - शिशिर

मास - माघ

पक्ष - शुक्ल

तिथि - नवमी सुबह 08:15 तक तत्पश्चात दशमी

नक्षत्र - रोहिणी सुबह 09:23 तक तत्पश्चात मृगशिरा

योग - वैधृति दोपहर 12:39 तक तत्पश्चात विष्कम्भ

राहु काल - शाम 05:11 से 06:37 तक

सूर्योदय - 07:10

सूर्यास्त - 06:37

दिशा शूल - पश्चिम

ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:29 तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 से 01:18 तक

व्रत पर्व विवरण - गुप्त नवरात्रि-नवमी


रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)

रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)

रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।

 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।

स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।

 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।

 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।

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