SFI-एचपीयू ने उप-लाइब्रेरियन से की मुलाकात और उन्हें छात्रों की विभिन्न मांगों का सौंपा ज्ञापन
एसएफआई-एचपीयू ने केंद्रीय पुस्तकालय में सेंट्रल हीटिंग सिस्टम की लगवाने में देरी को लेकर उप-लाइब्रेरियन से मुलाकात की।
( शिमला : गायत्री गर्ग )
शिमला : स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) एचपीयू ईकाई ने उप-लाइब्रेरियन से मुलाकात की और उन्हें छात्रों की विभिन्न मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। यह मुलाकात मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रशासन की केंद्रीय पुस्तकालय में सेंट्रल हीटिंग सिस्टम स्थापित करने में सुस्त रवैये के इर्द-गिर्द रही। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का केंद्रीय पुस्तकालय प्रतिदिन राज्य के हर कोने से छात्रों को वाचनालय सुविधा प्रदान करता है, जो यहां अपने सपनों को पूरा करने के उद्देश्य से आते हैं। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय नवंबर के दूसरे आधे हिस्से में सेमेस्टर परीक्षाएं आयोजित भी करने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, कई छात्र केंद्रीय पुस्तकालय का रुख कर रहे हैं और हीटिंग सिस्टम को लगवाने में देरी के कारण उन्हें अपनी परीक्षाओं की तैयारी करते समय सर्दियों की कड़ी ठंड को सहना पड़ रहा है। गौर करने बात है कि केंद्रीय हीटिंग सिस्टम को लगवाने के लिए वर्ष 2021 में ₹6,21,300/- का कुल अनुदान स्वीकृत किया गया था। सेन्ट्रल हीटिंग सिस्टम का बॉयलर रूम 3-4 महीने पहले बनकर तैयार हो गया था, फिर भी केंद्रीय हीटिंग सिस्टम को लगवाने का कार्य पुनः आरंभ होना अभी बाकी है।
इसके अलावा एसएफआई ने केंद्रीय पुस्तकालय के शौचालयों में खराब जल और स्वच्छता सुविधा की लंबे समय से चली आ रही समस्या को भी उठाया। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब एसएफआई ने इस मुद्दे को उठाया है। जुलाई के महीने में, जब लाइब्रेरी में सभी पीने के पानी के प्यूरीफायर कुछ हफ्तों से खराब पड़ी थीं, तब एसएफआई ने विरोध स्वरूप एक वॉटर प्यूरीफायर को बाहर निकाल कर प्रदर्शन किया था। उस समय, विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए वाटर प्यूरीफायर को ठीक करना पड़ा था। इसके अलावा, एसएफआई ने छात्रों की देर रात्रि पुस्तकालय में बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए पुस्तकालय के जनरल सेक्शन को 24 घंटे खोलने की भी मांग उठाई ताकि वे अपनी सेमेस्टर परीक्षाओं की तैयारी कर सकें।
एसएफआई ने उप-लाइब्रेरियन और एचपीयू प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को उचित समय सीमा के भीतर पूरा नहीं किया गया, तो वे इन मुद्दों को जनता के बीच ले जाकर प्रशासन के उदासीन रवैये के खिलाफ आंदोलन खड़ा करेंगे।
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