चार धाम यात्रा का शुभारंभ 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया से हो रहा, जानें चारों धामों के कपाट खुलने का समय - Smachar

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चार धाम यात्रा का शुभारंभ 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया से हो रहा, जानें चारों धामों के कपाट खुलने का समय

चार धाम यात्रा का शुभारंभ 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया से हो रहा, जानें चारों धामों के कपाट खुलने का समय


बद्रीनाथ धाम में 27 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर तीर्थ यात्री बद्री विशाल के दर्शन कर पाएं. कहते हैं कि बद्रीनाथ धाम के दर्शन के बिना चार धाम यात्रा पूरी नहीं मानी जाती. जगत के पालन हार भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण ऋषि की यह तपोभूमि है. बद्रीनाथ के बारे में एक कथा प्रचलित है - जो जाए बदरी, वो ना आए ओदरी'. अर्थात जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है, वह दोबारा जन्म नहीं लेता. मोक्ष को प्राप्त होता है।

तो वहीं केदारनाथ धाम 25 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 20 मिनट पर मेघ लग्न में भक्त दर्शन कर पाएंगे. केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. पौराणिक मान्यता है कि महाभारत युद्ध में अपने भाईयों की हत्या के पाप का पार्यश्चित करने के लिए पांडव केदारनाथ आए थे. यहां शिवलिंग की बैल के पीठ की आकृति-पिंड के रूप में पूजा की जाती है।

अगर बात करें यमुनोत्री धाम की तो चारधाम के पहले प्रमुख तीर्थ धाम यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 41मिनट पर कर्क लग्न अभिजित मुहूर्त पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. सनातन शास्त्रों में इसे असित मुनि का निवास बताया गया है. यमुनोत्री को सूर्य की बेटी और यम की बहन यमुना जी का उद्गम स्थल माना गया है।

पवित्र यमुना नदी यमुनोत्री से निकलती है और उत्तराखंड के गढ़वाल में गंगोत्री हिमनद से गंगा नदी निकलती है। गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर खुलेंगे, 21 अप्रैल को शीतकालीन प्रवास मुखवा से मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी. गंगोत्री धाम के पट खुलने से पहले सहस्त्रनाम, गंगा लहरी पाठ किया जाता है. गंगोत्री में स्थित गौरी कुंड के बारे में कहा जाता है कि यहां गंगा खुद भगवान शिव की परिक्रमा करती हैं।



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