भरमाड़ में पशु पालकों की मांग को मद्दे रखते हुए वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री पशुधन आरोग्य योजना के तहत पशु डिस्पेंसरी खोली थी - Smachar

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भरमाड़ में पशु पालकों की मांग को मद्दे रखते हुए वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री पशुधन आरोग्य योजना के तहत पशु डिस्पेंसरी खोली थी

 जवाली विधान सभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत भरमाड़ में पशु पालकों की मांग को मद्दे नजर रखते हुए वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री पशुधन आरोग्य योजना के तहत पशु डिस्पेंसरी खोली थी! जो उस समय समुदायिक भवन में खोली गयी थी !जो आज भी 13 वर्ष


का समय बीत जाने के वाद भी सामुदायिक भवन में चल रही है ! जहां तक कि विभाग के कर्मचारियों को बैठने के लिए भी जगह कम है एक कमरे में ही बैठकर सारा काम करना पड़ता है ! स्थानीय लोगों पवन कुमार, रमन कुमार, अशोक कुमार, जोगिन्दर सिह, सतपाल सिंह, महिन्द्र सिंह, मुकेश कुमार, अमरनाथ ठाकुर, गगन सिंह, सुभाष चंद, अनिल कुमार व रवि कुमार ने बताया कि अगसत 2017 में पूर्व सी पी एस नीरज भारती ने अपने कार्यकाल के दौरान पशु डिसपैंसरी को अपग्रेड करके इस पशु चिकित्सालय का दर्जा दिया था! जो कि भरमाड़ वासियों के लिए बहुत बड़ी सौगात थी! लेकिन भाजपा के पांच साल के कार्यकाल में इसकी ओर कोई भी धयान नहीं दिया गया! जो कि भवन बनवाने में भी नाकाम रही!क्योकि उस समय लोगों को बरोह अस्पताल या रैहने अस्पताल में पांच किलोमीटर का सफर तय करके जाना पड़ता था! पशु चिकित्सालय भरमाड़ आज पांच बर्ष बीत जाने के बाद भी सामुदायिक भवन के एक कमरे में ही चल रहा है! इस पशु चकित्सालय के तहत सात डिस्पैंसरियां आती है! सिद्धपुर-घाड़, नियाल -कनयाट, नियाल -दो, मैरा, पटाजाटियां भुगतियाल व कंदोर ! 
इन डिस्पैंसरियों के तहत लगभग 12 हजार पशु पालक आतें है !हालांकि पशु चकित्सालय में कर्मचारियों के लिए शौचालय की भी सुबिधा भी नहीं है वो भी खुले में ही शौच करने को मजबूर है! जनवरी 2021 में पंचायत द्बारा ई टायलेट के लिए पशु चकित्सालय के प्रांगण में खड्डा खोदा था! लेकिन आज दिन तक कैविन नहीं बना!
 इस समय डाक्टर मानव गुलेरिया जो कि केन्द्रीय पशु औषधालय खरोटा में कार्यरत है और उन्हे पशु चकितसालय भरमाड़ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जो भरमाड़ में सप्ताह के दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को आते है और बाकी समय वो खरोटा मेें सेवाएं देते है! बाकी सप्ताह के चार दिन पशु पालन सहायक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के हवाले पशु चकित्सालय रहता है! स्थानीय लोगों ने कृषि मंत्री चंद्र कुमार से मांग की है कि पशु चकित्सालय में स्थायी डाक्टर के साथ प्रयाप्त सटाफ भी उपलब्ध करवाया जाये और पशु चकितसालय के लिए नया भवन बनाने की भी मांग की है!

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