पंजाब के इतिहास और विरासत का प्रतीक झाकियों का बटाला पहुंचने पर भव्य स्वागत - Smachar

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पंजाब के इतिहास और विरासत का प्रतीक झाकियों का बटाला पहुंचने पर भव्य स्वागत

 पंजाब के इतिहास और विरासत का प्रतीक झाकियों का बटाला पहुंचने पर भव्य स्वागत

   पंजाब के गौरवशाली इतिहास और विरासत को दर्शाती इन झांकियों को पंजाब के लोगों तक पहुंचाने का प्रयास बेहद सराहनीय है


 बटाला (अविनाश शर्मा, संजीव नैयर) 'देश के स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों के महत्वपूर्ण योगदान', 'नारी शक्ति' और 'पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक' का प्रतिनिधित्व करने वाली झाकियाओं का आज बटाला पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। बटाला-गुरदासपुर बाईपास पर तहसीलदार अभिषेक वर्मा, बीडीपीओ परमजीत कौर और उनके सहयोगियों का भव्य स्वागत हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में सरकारी व निजी स्कूलों के छात्र-छात्राएं व शिक्षक पहुंचे और झांकियों का अवलोकन किया.

   पंजाब के गौरवपूर्ण इतिहास और विरासत को दर्शाती इन झांकियों को पंजाब के लोगों तक पहुंचाने का प्रयास बेहद सराहनीय है।

  इन झाँकियों के माध्यम से दर्शाया गया समृद्ध इतिहास और समृद्ध संस्कृति युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में सहायक होगी।

 इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्कूली छात्रों और राहगीरों ने झांकियों के साथ तस्वीरें और सेल्फी ली और इसे अपनी शाश्वत स्मृति का हिस्सा बनाया। इस मौके पर छात्रों व लोगों के लिए लंगर व चाय की व्यवस्था की गयी.।

 पंजाब सरकार द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई इन झांकियों में जलियावाला बाग की घटना, शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा, शहीद उधम सिंह, बाबा सोहन सिंह भकना, लाला लाजपत राय, शहीद सुखदेव, लाला हरदयाल, सरदार अजीत सिंह, बाबा खड़क सिंह, मदन लाल ढींगरा, डाॅ. दीवान सिंह कालेपानी जैसे महान व्यक्तित्वों के बलिदान और कामागाटामारू की घटना को दर्शाया गया है। इसी तरह दूसरी झांकी नारी शक्तिकरण (माई भागो दी सूरमागति) और माई भागो आर्म्ड फोर्सेस प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूट फॉर गर्ल्स के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमाने वाली महिलाओं को दिखाया गया है। इसी तरह तीसरी झांकी के जरिए पंजाब की समृद्ध विरासत और संस्कृति की झलक पेश की गई है.।

 गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इन झांकियों को राज्य के कोने-कोने में प्रदर्शित करने की घोषणा की थी, जिसके तहत विभिन्न जिलों से होते हुए ये झांकियां पटियाला और लुधियाना में आयोजित गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों में प्रदर्शित की गईं। कल गुरदासपुर जिले की सीमा पठानकोट जिले से होते हुए आज बटाला तक पहुंच गई। बटाला के बाद इन झाकियों को उनके अगले चरण में भेज दिया गया।

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