असली हीरो, डूबते जवान की बचाई जान, खुद पिया शहादत का जाम
असली हीरो, डूबते जवान की बचाई जान, खुद पिया शहादत का जाम
23 साल के लेफ्टिनेंट शशांक ने जब देखा कि उनका साथी नदी में डूब रहा है तो तुरंत नदी में कूद गए. साथी को तो मौत के मुंह से निकाल लाए, लेकिन खुद जान गंवा बैठे. आज उनका शव अयोध्या पहुंचेगा.
अयोध्या निवासी होनहार और जांबाज लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में शहीद हो गए। शशांक तिवारी बचपन से ही बेहद पढ़ाई में होनहार थे. उन्होंने पहले ही प्रयास में NDA क्वालिफाई किया था. 17 दिसंबर 2024 को उन्होंने सेना में ज्वाइनिंग दी थी. देशसेवा उनकी रग-रग में समाई थी. शशांक का एकमात्र सपना था- वर्दी पहनकर मातृभूमि की रक्षा करना. आज उन्होंने वो सपना पूरा कर दिया. अपने प्राणों की आहुति देकर. उनका पार्थिव शरीर आज एयरक्राफ्ट के जरिए अयोध्या लाया जाएगा. कल, पूरे राजकीय सम्मान के साथ, अयोध्या के माझा जमथरा श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. गांव और पूरे जिले में शोक की लहर है लेकिन साथ ही गर्व भी है. गांव वालों का कहना है कि हमारे बीच से एक सच्चा हीरो निकला.शशांक के पिता मर्चेंट नेवी में अफसर हैं, जो आज देर रात भारत पहुंचेंगे. इसलिए कल यानि शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ शशांक का जमथरा घाट पर अंतिम संस्कार होगा. शशांक घर के इकलौते बेटे थे. उनकी एक बहन है, जो दुबई में रहती है. 2019 में उनका सिलेक्शन एनडीए में हुआ था. पिछले साल उन्हें कमीशन मिला और पहली पोस्टिंग सिक्किम में हुई.
शशांक अयोध्या के थाना कैंट क्षेत्र के मझवां गद्दोपुर के रहने वाले थे. उनके पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में हैं और वर्तमान में अमेरिका में तैनात हैं. मां नीता तिवारी की तबीयत अक्सर खराब रहती है. वह कौशलपुरी कॉलोनी स्थित आवास में परिवार के साथ रहती हैं.
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