नशे से बचाव के लिए समाज की एकजुटता आवश्यक - आकांक्षा डोगरा
नशे से बचाव के लिए समाज की एकजुटता आवश्यक - आकांक्षा डोगरा
ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन की सचिव आकांक्षा डोगरा ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी से निपटने के लिए सम्पूर्ण समाज को एकजुटता से कार्य करने की आवश्यकता है तभी हम नशामुक्त समाज की परिकल्पना कर सकते हैं। आकांक्षा डोगरा आज यहां ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन के सौजन्य से आयोजित एक जागरूकता शिविर को संबोधित कर रही थीं।
आकांक्षा डोगरा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता और संवेदनशीलता के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विरूद्ध वर्ष 2025 के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का नारा ‘जंजीरों को तोड़ना सभी के लिए रोकथाम, उपचार और सुधार’ विषय रखा गया है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों को नशे के सेवन से बचाना और नशीली दवाओं की तस्करी पर प्रतिबंध लगाना है ताकि बच्चों का भविष्य स्वर्णिम बन सके।
उन्होंने कहा कि इस दिन दुनियाभर में नशे के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इसमें लोगों को नशे से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाता है। भारत में भी नशा और अवैध तस्करी को रोकने के लिए सख्त कानून का प्रावधान है, लेकिन फिर भी लोगों को जागरूक करने की नितांत आवश्यकता है। इसके लिए आमजन का सहयोग अपेक्षित रहता है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर आस-पास के ऐसे लोग, जो नशा और अवैध नशे के व्यापार में लिप्त हैं, उन्हें सत्य की राह पर लाने की पहल करनी चाहिए।
आकांक्षा डोगरा ने शिविर में उपस्थित महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता, मध्यस्थता, लोक अदालत राज्य पीड़ित मुआवज़ा योजना व नालसा के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रणाली में मध्यस्थता की भूमिका अहम है। मध्यस्थतों के माध्यम से लंबित मामलों के निपटारे की दिशा में बेहतर प्रयास किया जा सकता है। सभी न्यायालयों में मध्यस्थता केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में मध्यस्थता करवाने के लिए प्रशिक्षित मध्यस्थतों की नियुक्ति की गई है। आम नागरिकों को मध्यस्थतों की सेवा निःशुल्क प्रदान की जा रही है। आम नागरिक स्वेच्छा से अपने मामलों का निपटारा मध्यस्थतों के माध्यम से कर सकते हैं।
ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित रंजन तलवार ने इस अवसर पर लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो एक्ट), गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम के बारे विस्तार से जानकारी प्रदान की।
औषधि निरीक्षक प्रीति शर्मा ने नशीली दवाओं के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी प्रदान की। मनोचिकित्सक डॉ. वैशाली शर्मा ने नशीली दवाओं के दुरपयोग के कारण मानसिक रोगी बन चुके रोगियों का निदान के बारे जानकारी प्रदान की।
समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारी सोलन कविता गौतम ने अपने विभाग से संबंधित जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि महिलाओं के समग्र कल्याण के लिए प्रदेश सरकार अनेक योजनाएं कार्यान्वित कर रही है। इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना, स्वयं रोज़गार योजना तथा ब्याज मुक्त ऋण योजना के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण पर बल दिया जा रहा है।
शिविर में आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिकाओं तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
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