राकेश पठानिया से नाराज़गी व्यक्तिगत नहीं, भूमिका को लेकर
राकेश पठानिया से नाराज़गी व्यक्तिगत नहीं, भूमिका को लेकर
भाजपा के कुछ कार्यकर्ता आखिरकार फतेहपुर मे धरतीपुत्र का नारा क्यों लगा रहे हैं जबकि किसी समय पहले यह राकेश पठानिया के समर्थक होते थे
नूरपुर : विनय महाजन /
जिला कांगडा की फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में 2027 के चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मौजूदा हालातों मे पूर्व मंत्री राकेश पठानिया समर्थकों और विरोधियों के बीच तीखी बयानबाज़ी के साथ-साथ अभद्र टिप्पणियों का दौर भी शुरू हो चुका है, जो अंदरखाने बढ़ते असंतोष की ओर इशारा करता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि जीत सुनिश्चित करनी है स्थानीय नेतृत्व को साथ लेकर चलना अनिवार्य होगा क्षेत्र में दबी आवाज़ में खुद को जन आधार मानकर ऐसे नुक्कड़ नेता फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में“धरती पुत्र” का नारा देकर आजकल मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं lउधर इस मामले में पठानीया समर्थकों का कहना है कि जो लोग धरतीपुत्र का नारा लगा रहे हैं वह पार्टी के हितेषी नहीं हो सकते l प्रदेश मे फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति का इतिहास भी मौजूदा हालातों की पुष्टि करता है। दो दशक पहले जब डॉक्टर राजन सुशांत भाजपा से बगावत कर पार्टी छोड़ गए थे उसके बाद से ही फतेहपुर में भाजपा अपने पैर मजबूती से नहीं जमा पाई। इसका सबसे बड़ा कारण लगातार बाहरी प्रत्याशियों को मैदान में उतारना माना जा रहा है। तब से अब तक भाजपा ने फतेहपुर में स्थानीय चेहरे के बजाय बाहरी नेताओं पर ही भरोसा जताया जिसका खामियाजा चुनावी नतीजों में साफ दिखता रहा है।
इसी पृष्ठभूमि में इस बार फतेहपुर के भाजपा के कुछ स्थानीय नेता “धरती पुत्र” के नारे के साथ खुलकर सामने आ रहे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि क्षेत्र की नब्ज़ समझने वाले, जमीन से जुड़े स्थानीय नेतृत्व को आगे लाए बिना चुनावी सफलता मुश्किल है।ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लिए भी यह एक गंभीर संदेश है कि 2027 में प्रत्याशी चयन से पहले फतेहपुर के राजनीतिक इतिहास और स्थानीय जनभावनाओं पर गहराई से विचार करना होगा। क्षेत्र वासियों का यह भी कहना है कि जो भाजपा कार्यकर्ता धरतीपुत्र का नारा लगा रहे हैं उनमें कुछ भाजपा कार्यकर्ता किसी समय में राजन सुशांत के खिलाफ राकेश पठानिया के हमदर्द बने हुए थे तो आज फिर इतनी नफरत राकेश पठानिया से क्यों? क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि अभी तो चुनाव होने में 2 साल का समय है पार्टी किसको टिकट देगी इसका कोई पता नहीं लेकिन यह कार्यकर्ता पार्टी के अनुशासन से बाहर रहकर आजकल आखिरकार धरतीपुत्र का नारा पर क्यों लगा रहे हैं? ऐसे अनेकों प्रश्न क्षेत्र की जनता में चर्चित हैl


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