रिवालसर में ब्रह्मा बाबा की 149वीं जयंती पर स्वच्छता अभियान व वरिष्ठ नागरिक सम्मान
रिवालसर में ब्रह्मा बाबा की 149वीं जयंती पर स्वच्छता अभियान व वरिष्ठ नागरिक सम्मान
रिवालसर : अजय सूर्या /
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, रिवालसर शाखा द्वारा संस्था के संस्थापक पिता ब्रह्मा बाबा (दादा लेखराज) की 149वीं जयंती बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर स्वच्छता अभियान तथा वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान का आयोजन किया गया।
दादा लेखराज का जन्म 15 दिसंबर 1876 को सिंध के हैदराबाद में हुआ था। वे ब्रह्माकुमारी संस्था के संस्थापक थे और ब्रह्मा बाबा के नाम से विख्यात हैं। ब्रह्मा बाबा स्वच्छता को अत्यंत महत्व देते थे। उनका मानना था कि स्वच्छता से आत्मा और शरीर दोनों शुद्ध होते हैं। वे स्वयं भी स्वच्छता का पालन करते थे और समाज को भी इसके प्रति जागरूक करते थे। साथ ही वे बुजुर्गों को जीवन का पथप्रदर्शक मानते हुए उनके सम्मान और सेवा पर विशेष बल देते थे।
इसी प्रेरणा के तहत रिवालसर में शिव दर्शन भवन एवं झील के आसपास स्वच्छता अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान क्षेत्र से प्लास्टिक रैपर, पॉलीथीन व अन्य कचरा एकत्र कर उसे निर्धारित स्थान पर सुरक्षित रूप से रखा गया।
कार्यक्रम के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिक सम्मान के तहत वार्ड नंबर 1 की 87 वर्षीय शांति माता को उनके जन्मदिन के अवसर पर बीके बहनों द्वारा सम्मानित किया गया और शुभकामनाएं दी गईं। इस अवसर पर बीके सुनीता दीदी, सोहन लाल गुप्ता, रमा गुप्ता, रोज़ी, शशि, सुरेंद्र, बीके अनीता ठाकुर, कुशम वर्मा, आशा कार्यकर्ता संतोष सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बच्चों ने भी सहभागिता निभाई।
शांति माता ने अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया है। बचपन में मां के देहांत के बाद उनके पिता ने उनका पालन-पोषण किया और 11 वर्ष की आयु में उनका विवाह हुआ। जीवन की कठिन परिस्थितियों और सामाजिक तिरस्कार के बावजूद वे हमेशा ईमानदारी और सच्चाई के मार्ग पर अडिग रहीं। आध्यात्मिकता से जुड़ने के बाद उनके जीवन में नई आशा और सकारात्मकता का संचार हुआ। आज भी वे नियमित रूप से राजयोग ध्यान करती हैं और ईश्वर में गहरी आस्था रखती हैं।
कार्यक्रम के समापन पर बीके सोमा बहन ने सभी उपस्थितजनों से वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सहायक, संवेदनशील और समावेशी समाज के निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया, ताकि वे सम्मान, प्रेम और गरिमा के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें।


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