भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों के बहिष्कार का राजपूत महासभा का एतिहासिक निर्णय: प्रवीन कुमार ने की सराहना
भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों के बहिष्कार का राजपूत महासभा का एतिहासिक निर्णय: प्रवीन कुमार ने की सराहना
राजपूत महासभा द्वारा भ्रष्ट एवं क्रप्ट जन प्रतिनिधियों का बहिष्कार करने का निर्णय एतिहासिक एवं अति सराहनीय :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक ....
हिमाचल प्रदेश राजपूत महासभा की सम्पन्न मासिक बैठक में एक एतिहासिक, साहसिक और समाज-हितैषी निर्णय लिया गया है। सभा ने स्पष्ट किया है कि जो भी जनप्रतिनिधि सामान्य वर्ग की उपेक्षा करेगा , भ्रष्टाचार में लिप्त होगा या किसी भी प्रकार के माफिया संरक्षण में शामिल होगा उसका सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक बहिष्कार किया जाएगा। महासभा का यह फैसला केवल एक घोषणा नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की ओर उठाया गया दृढ़ अनुकरणीय कदम है । इस निर्णय का स्वागत करते हुए समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था ने राजपूत महासभा की इस पहल को “एतिहासिक और समय की मांग” बताते हुए जमकर सराहना की है । इसी के साथ राजपूत महासभा का यह भी संकल्प कि खनन, शराब, भू एवं तबादला माफिया के संरक्षण से करोड़पति बने ऐसे जनप्रतिनिधियों के कारनामों का भी पर्दाफाश किया जाएगा । समाज को भ्रष्टाचार और अनैतिक राजनीति से बचाकर प्रदेश की बिगड़ती वित्तीय स्थिति व बढ़ती बेरोजगारी के संकट पर सही दिशा में जनचेतना जगाने के लिए संस्था ने सभा की भूरि भूरि प्रशंसा की । इसके लिए इन्साफ संस्था ने सभा से युवा वर्ग विशेषकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों के छात्रों का भी सहयोग लेने का आह्वान किया । उपरोक्त बैठक की विस्तृत जानकारी इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार से सांझा करते हुए राजपूत महासभा के प्रतिनिधियों ने अवगत करवाया कि उच्चतम न्यायालय के वर्गीकरण और क्रीमी लेयर के निर्णय के विरुद्ध आरक्षण की आड़ में समाज को बाँटने का प्रयास करने वाले प्रतिनिधियों को भी चिह्नित किया जाएगा। ऎसे में इन्साफ संस्था ने प्रदेश के सभी सामुदाय की सभाओं, सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, युवक एवं महिला मंडलों से भी एक प्रखर आह्वान किया है कि भ्रष्ट, क्रप्ट , दुराचारी व समाज-विरोधी जनप्रतिनिधियों का सामूहिक बहिष्कार करें। साथ ही चिट्टा तस्करों और नशे के सौदागरों के विरुद्ध एकजुट होकर अलख जगाएँ, ताकि हमारी भावी पीढ़ी को विनाश की ओर बढ़ने से बचाया जा सके। यह समय एकता, जागरूकता और सामाजिक साहस का है।
हिमाचल का हर जागरूक नागरिक यदि इस मुहिम में साथ आता है, तो निश्चित रूप से एक स्वच्छ, सुरक्षित और उत्तरदायी व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त होगा।


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