कांग्रेस की मंडी रैली फ्लॉप शो — न घोषणा, न राहत पैकेज; जनता लौटी खाली हाथ- अखलेश कपूर - Smachar

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कांग्रेस की मंडी रैली फ्लॉप शो — न घोषणा, न राहत पैकेज; जनता लौटी खाली हाथ- अखलेश कपूर

 कांग्रेस की मंडी रैली फ्लॉप शो — न घोषणा, न राहत पैकेज; जनता लौटी खाली हाथ- अखलेश कपूर 


मनाली : ओम बौद्ध /

कांग्रेस सरकार द्वारा मंडी में आयोजित तीन साल के जश्न पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश कपूर ने कहा कि यह रैली उत्सव नहीं बल्कि तीन साल की विफलताओं, झूठी गारंटियों और जनविरोधी फैसलों का खुला प्रदर्शन थी। उन्होंने कहा कि मंच पर चली बयानबाज़ी ने साफ कर दिया कि कांग्रेस सरकार भीतर से बिखर चुकी है और नेतृत्व पूरी तरह कमजोर पड़ चुका है।

अखिलेश कपूर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री द्वारा मंच से अपने ही मुख्यमंत्री को असक्षम और निर्णयहीन करार देना और प्रदेश प्रभारी द्वारा इस टिप्पणी को सही ठहराना हिमाचल की राजनीति में अभूतपूर्व है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस नेताओं को शासन की नहीं, बल्कि आंतरिक खींचतान की चिंता है।

उन्होंने कहा कि जब सरकार के पास जनता को दिखाने के लिए कोई काम नहीं होता, तब वह धमकियों की भाषा अपनाती है। उपमुख्यमंत्री के “रात में रगड़ देंगे, नेस्तनाबूद कर देंगे” जैसे बयान हिमाचल की राजनीतिक परंपरा पर सीधी चोट हैं।

अखिलेश कपूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार बताए कि आखिर किस उपलब्धि का जश्न मनाया गया—

क्या यह जश्न झूठी गारंटियों का था?

क्या यह जश्न हिमकेयर, सहारा, शगुन और ग्रहणी सुविधा जैसी योजनाएँ बंद करने का था?

क्या यह जश्न बिजली-पानी के भारी बिल, टैक्सों में बढ़ोतरी और विधायक निधि बंद कर विकास रोक देने का था?

उन्होंने कहा कि मंडी जैसे आपदा-ग्रस्त जिले में जश्न मनाना जनता की पीड़ा के प्रति सरकार की संवेदनहीनता है। जहाँ लोग राहत और मुआवज़े के इंतज़ार में हैं, वहीं सरकार तामझाम में व्यस्त है। आरोप यह भी लगा कि रैली की तैयारियों में आपदा राहत राशि का दुरुपयोग हुआ।

अखिलेश कपूर ने कहा कि जनता को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री मंडी के लिए कोई बड़ी घोषणा, विशेष पैकेज, या राहत संबंधी इंतज़ाम करेंगे। लेकिन रैली के बाद यह साफ हो गया कि सरकार खाली आई और मंडी को खाली छोड़कर चली गई।

न कोई घोषणा, न कोई राहत—जनता ठगी हुई घर लौटी।

उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता कांग्रेस सरकार की अव्यवस्था, जनविरोधी नीतियों और टूटे वादों से परेशान है और 2027 में इसका जवाब देगी।

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