राज्य सरकार आर्थिक संकट में और मना रही करोड़ों खर्च कर जश्न : पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर
राज्य सरकार आर्थिक संकट में और मना रही करोड़ों खर्च कर जश्न : पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर
मनाली : ओम बौद्ध /
हिमाचल प्रदेश भाजपा वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार द्वारा पड्डल मैदान में अपने तीन वर्ष पूरे होने पर आयोजित जश्न पर कड़ा हमला बोला है। ठाकुर ने कहा कि जब मंडी जिला आपदा की भारी मार झेल रहा है और पीड़ित परिवार राहत की प्रतीक्षा में हैं, ऐसे समय में करोड़ों रुपये खर्च कर उत्सव मनाना जनता के घावों पर सीधे वार के समान है।
पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री के दावों पर पलटवार करते हुए कहा, “राज्य सरकार आर्थिक संकट में डूबा है और कांग्रेस जश्न में डूबी है,” और पड्डल मैदान में आयोजित यह समारोह इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है। ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार अपनी विफलताओं—आर्थिक अव्यवस्था, बढ़ते कर्ज़, गारंटियों की असफलता और प्रशासनिक कुप्रबंधन—को छिपाने के लिए झूठे दावे पेश कर रही है, जबकि ज़मीनी हालात पूरी तरह अलग हैं।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार के समय (वर्ष 2017 के अंत) प्रदेश का कुल कर्ज लगभग 47,906 करोड़ रुपये था, जो अंत तक 75000 हजार करोड़ रुपये था। इसके विपरीत, कांग्रेस सरकार ने तीन वर्षों में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का नया कर्ज उठाया, जिससे प्रदेश वित्तीय संकट के दलदल में फँस गया। ठाकुर ने कहा, जो सरकार हर महीने कर्ज लेकर खर्च चलाने पर मजबूर है, वह भाजपा पर आरोप लगाने से पहले खुद के प्रबंधन का हिसाब दे।
पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा 7 गारंटियों के पूरे होने के दावे को भी सबसे बड़ा झूठ बताया। उन्होंने कहा कि ये केवल कागजों और भाषणों में पूरी हुई हैं। तीन वर्षों में कांग्रेस ने वादों की फेहरिस्त बढ़ाई, लेकिन किसी भी योजना को प्रभावी रूप से लागू नहीं किया। आपदा राहत के मामले में भी मुख्यमंत्री के दावे वास्तविकता से मेल नहीं खाते। राहत वितरण में अव्यवस्था और शिकायतों का अंबार है, जबकि हजारों परिवार अभी भी घरों के पुनर्निर्माण की प्रतीक्षा में हैं।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार संवेदनशीलता की जगह राजनीति पर उतारू है। उन्होंने चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री के 2027 में 52 सीटों जीतने के दावे जनता की पीड़ा को नजरअंदाज करने जैसा है। प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ी है, महंगाई चरम पर है, किसान और बागवान परेशान हैं, पर्यटन उद्योग संकट में है और विकास पूरी तरह रुका पड़ा है।
पूर्व मंत्री ने सरकार से मांग की कि तीन वर्षों में लिए गए कर्ज और व्यय का श्वेतपत्र जारी किया जाए, गारंटियों की वास्तविक स्थिति जनता के सामने रखी जाए और आपदा राहत वितरण की निष्पक्ष जांच


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