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ब्यास नदी में सुरक्षा दीवार पूरी न लगने से रिहायशी इलाकों को खतरा

 ब्यास नदी में सुरक्षा दीवार पूरी न लगने से रिहायशी इलाकों को खतरा 

जल विभाग जल्द पूरा करें कार्य: प्रेम शर्मा 


मनाली : ओम बौद्ध /

कुल्लू जिला में किसानों की अग्रणी संस्था कुल्लू फलोत्पादक मण्डल और पुरे माहिली गांव को एक बार फिर व्यास नदी से खतरा बना हुआ है क्योंकि व्यास नदी के पानी का पुरा रूख इसकी ओर है। जिससे कि नदी का पानी बिल्कुल इसके परिसर को छूते हुए बह रहा है। अभी आगे मानसून में जब जलस्तर बढ़ेगा तो यही पानी मण्डल के परिसर में घुस कर भवन को भी नुकसान पंहुचायेगा। पिछली साल भी बाढ़ से मण्डल परिसर का कुछ हिस्सा बह गया था तथा पानी पुरे परिसर में घुस गया था लेकिन मण्डल भवन के साथ एक निजी कम्पनी का सी0ए0 स्टोर था जिसने मण्डल के भवन व प्रयोगशाला को बचा लिया था परन्तु स्टोर का लगभग आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया।

मण्डल बागवानों को फफूंदनाशक‚ कीटनाशक‚ प्लास्टिक करेट‚ किल्टे‚ कार्टन‚ ट्रे आदि बिना हानि – लाभ के उपलब्ध करवाता है। मण्डल द्वारा बागवानों को उपरोक्त सामग्री उपलब्ध करवाने से बाजार मूल्यों पर भी अकुंश रहता है जिससे बागवानों को लाभ मिलता है। मण्डल की अपनी मिट्टी व पत्ती विश्लेषण प्रयोगशाला है जिसमें मण्डल क्षेत्र के किसानों और बागवानों की मिट्टी व पत्तों की निशुल्क जांच करता है। व्यास में बार – बार बाढ़ आने से कुछ क्रेट बॉल बह गई और कुछ गिर चुकी हैं।यदि व्यास में फिर से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है तो मण्डल परिसर के साथ ही पूरा माहिली गांव व्यास के पानी की चपेट में आ जायेगा। माहिली गांव व मण्डल परिसर की सुरक्षा के लिए सरकार व प्रशासन को भी कई बार अवगत कराया गया परन्तू खेद का बिषय है कि अभी तक इसकी सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया।

मण्डल और गांव की सुरक्षा के लिए समय रहते आ0सी0सी की दीवार व क्रेटवाल लगाने की सख्त जरूरत है जिससे कि इसको बाढ़ के पानी से बचाया जा सके। साथ ही पानी का रूख भी वाम तट की ओर से हटाकर बीच को किया जाना अतयंत आवश्यक है। जबकि इसके विपरीत नदी के दाएं तट पर इस साल सरकार द्वारा सुरक्षा दीवार लगाई गयी है।परन्तु नदी के वायं तट पर काम तो नहीं हुआ है परन्तु पानी का सारा रूख इसी ओर मोड़ दिया गया है। अगर बाढ़ का पानी परिसर में घुसता है तो मण्डल के साथ साथ पुरे माहिली गांव को भी खतरा है।

 कुल्लू फलोत्पादक मण्डल के प्रधान प्रेम शर्मा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मण्डल ने इस विषय से अवगत करवाने के लिए सरकार को पत्र लिखा है और मांग की है कि व्यास के पानी को बीच में किया जाए। मण्डल परिसर के साथ ही माहिली गांव बसा हुआ है मण्डल भवन ने बाढ़ में कई बार इस गांव को बाढ़ से बचाया है। राजा वीरभद्र सिंह जी ने केन्द्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए मण्डल और माहिली गांव को बचाने के लिए 10 लाख रूपये की राशि क्रेटवॉल लगाने के लिए दी थी इसके साथ ही हिमाचल सरकार के पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने भी 20 लाख रूपये की राशि क्रेटवॉल लगाने के लिए दी थी। परन्तु ब्यास में लगभग हर वर्ष आ रही बाढ़ ने इन्हें काफी नुक्सान पहुंचाया है जिस कारण ये क्रेटवॉल अब बाढ़ को झेलने में असमर्थ है। सरकार को मण्डल परिसर और पूरे माहिली गांव को उजड़ने से बचाने के लिए शीघ्र आ0सी0सी की दीवार का निर्माण कार्य आरम्भ करना चाहिए।

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