मंडी महाशिवरात्रि के इतिहास में पहली बार मेलों का राजनीतिकरण हुआ:जयराम ठाकुर
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर महाशिवरात्रि महोत्सव की अंतिम संध्या में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे
मंडी महाशिवरात्रि के इतिहास में पहली बार मेलों का राजनीतिकरण हुआ:जयराम ठाकुर
महाशिवरात्रि महोत्सव के समापन पर अंतिम सांस्कृतिक संध्या में पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाने पर सोशल मीडिया पर खूब बहस चल रही है। दोनों दलों ने एक-दूसरे पर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं। दोनों दलों के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। हालांकि, प्रशासन ने सभी विधायकों को सांस्कृतिक संध्या में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया था। सोशल मीडिया में कांग्रेस के लोग इसे सुक्खू सरकार की बेहतर सोच बता रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक इसे मंडी जिले में कांग्रेस के विधायक नहीं जीतने पर खिल्ली उड़ा रहे हैं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में कहा कि कांग्रेस का मात्र एक ही विधायक धर्मपुर से जीता है। ऐसे में समारोह में उन्हें ही देखा गया। सांस्कृतिक संध्याओं में मुख्यातिथि नहीं मिल रहे हैं। इधर, कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट अधिवक्ता आकाश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने से व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है। पहले मेलों और अन्य कार्यक्रमों का राजनीतिकरण किया जाता था, आज विपक्ष के लोगों को भी मान-सम्मान दिया गया है। पिछली बार जब प्रतिभा सिंह सांसद बनीं तो उन्हें जलेब और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नहीं बुलाया गया।
मंडी में प्रेसवार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मंडी महाशिवरात्रि के इतिहास में पहली बार मेलों का राजनीतिकरण हुआ है। शिवधाम के फेस टू के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान था। इसे कम कर 130 करोड़ किया जा रहा है। उसमें नादौन का एक प्रोजेक्ट एडजस्ट किया जा रहा है। महाशिवरात्रि में मुख्यमंत्री सुक्खू पहली बार मंडी आए, मगर मेले के उद्घाटन अवसर पर उम्मीद से हटकर बातें कर गए। महाशिवरात्रि मेलों में आने वाले देवी-देवताओं का स्वागत किया जाता है। इसके लिए नगर निगम स्वागत बैनर और सरकार की योजनाओं के होर्डिंग लगाता है।
इस बार कांग्रेस के झंडे लगाए गए। ऐसा लग रहा था मानों बड़े स्तर पर मंडी में कांग्रेस का सम्मेलन हो रहा है। शिवधाम मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है। अगर इसके लिए बजट का प्रावधान न होता तो 20 करोड़ के टेंडर कैसे लग गए। उनकी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एशियन विकास बैंक को 2100 करोड़ का प्रोजेक्ट भेजा था। इसे यह कहकर वापस मंगवाया गया कि प्रदेश में सरकार बदल गई है और अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर दोबारा भेजेंगे। जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने मुख्य सचिव से पता कर लें, वे उस समय वित्त सचिव थे। कहा कि मंडी के न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट और गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया था।
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