एनएचएआई पोकलेन मशीन लेकर घरों को उखाड़ने पहुंची, मकान तोड़ने हैं तो मशीन को हमारे ऊपर चढ़ाकर तोड़ दो
एनएचएआई पोकलेन मशीन लेकर घरों को उखाड़ने पहुंची, मकान तोड़ने हैं तो मशीन को हमारे ऊपर चढ़ाकर तोड़ दो
मकान तोड़ने हैं तो मशीन को हमारे ऊपर चढ़ाकर तोड़ दिया जाए यह उक्त शब्द कांगड़ा बाईपास के किनारे घरों में रहने वाले लोगों के हैं , हुआ यूं कि एनएचएआई की टीम फोरलेन के निर्माण कार्य के लिए पोकलेन मशीन लेकर घरों को उखाड़ने पहुंची तो लोग मशीन के आगे खड़े हो गए, उन्होंने कहा कि यदि मकान तोड़ने हैं तो मशीन को उनके ऊपर चढ़ाकर तोड़ दो, और उन्होंने सरकार व प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी भी की । तो वहीं चंदू लाल, रमेश भरमौरी और सोहन लाल इत्यादि का कहना है कि एकदम वे अपने मकान कैसे खाली कर दें। इसी आबादी में महिलाएं और छोटे बच्चे हैं। उन्हें कहां लेकर जाएं। पिछले करीब सात दशकों से वे इस जमीन पर घर बनाकर रह रहे हैं। यदि ये अवैध हैं तो सरकार ने उनके घरों में बिजली-पानी के कनेक्शन क्यों लगवाए। इतने सालों से सरकार उनसे टैक्स क्यों लेती रही और उनके राशन और आधार कार्ड कैसे बन गए। लोगों का रोष देख दोपहर तक कार्रवाई रोक दी गई थी लेकिन दोपहर बाद फिर कार्रवाई शुरू हो गई।
इस दौरान महिला और पुरुष पुलिस की अतिरिक्त फोर्स मंगवाई गई। वहीं डीएसपी अंकित शर्मा सहित पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। लोगों ने कहा कि सरकार उन्हें उजाड़ने से पहले उन्हें मुआवजा देती। दावा किया कि यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है और बुधवार को इसकी सुनवाई है। प्रशासन एक दिन के लिए नहीं रुक सकता।
प्रशासन से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें उनके मकानों का मुआवजा दिया जाए। रोष जता रहे लोगों को पुलिस और राजस्व अधिकारियों ने समझाया कि उनके कब्जे सरकारी जमीन पर हैं। नायब तहसीलदार परविंद्र पठानिया ने बताया कि लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। उन्हें हटाने के लिए प्रशासन ने कानूनन औपचारिकताएं पूरी की हैं।
तो वहीं एसडीएम सोमिल गौतम ने बताया कि यह कब्जे अवैध हैं और लंबे समय से लंबित हैं। मई में भी उन्हें नोटिस दिए गए थे। यह लोग सरकारी भूमि पर बैठे हैं और उन्हें यहां से हटना ही पड़ेगा।
कोई टिप्पणी नहीं