जाइका वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना का विशेषज्ञ टीम द्वारा मूल्यांकन
जाइका वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना का विशेषज्ञ टीम द्वारा मूल्यांकन
पालमपुर (केवल कृष्ण शर्मा):- हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण -1) का जाइका की विशेषज्ञ टीम ने टोमो शिकीदा और कियोरी ओसाने ने कांगड़ा जिले का 22 से 27 जनवरी तक दौरा किया।
जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण-1) में हुए विभिन्न कार्यों के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए किया गया। परियोजना कृषि विभाग द्वारा 2011 से 2020 तक हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों काँगड़ा, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में लागू की गई थी।
जिला परियोजना प्रबंधक, कांगड़ा, डॉ. योगिंदर पॉल कौशल ने बताया कि इस मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य सिंचाई सुविधाओं के निर्माण और परियोजना के कार्यान्वयन से किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर पड़े प्रभाव का आंकलन करना है।
टीम ने बीपीएमयू पालमपुर के अंतर्गत गुनेहड़ और सपड़ूहल कुहल सिंचाई योजनाओं, बीपीएमयू देहरा के अंतर्गत ददू कूहल और गेला कुहल तथा बीपीएमयू धर्मशाला के अंतर्गत रानी कुहल सिंचाई योजनाओं का दौरा किया।
टीम ने इन योजनाओं के लाभार्थियों से विस्तृत चर्चा की और उनका फीडबैक लिया। जिसमें विचित्र सिंह, भरत लाल, पूर्णिमा देवी, मनोहर प्रभाकर, सुषमा देवी इत्यादि किसान शामिल हुए और सिंचाई सुविधाओं सिंचाई एवं अन्यं प्रसार गतिविधियों के लाभों पर फीडबैक दिया। किसानों ने बताया कि इन योजनाओं से उनकी कृषि उत्पादकता में वृद्धि हुई है, उनकी आय में सुधार हुआ है और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव आए हैं।
विशेषज्ञ टीम ने पपरोला और भट्टू में स्थित कलेक्शन सेंटरों का भी दौरा किया, जिन्हें किसान उत्पादक कंपनियों (एफoपीoसीo) द्वारा संचालित किया किया जा रहा। इन केंद्रों ने किसानों को बेहतर बाजार जोड़ने की सुविधा प्रदान की है, जिससे उन्हें अपने उत्पादों के लिए उचित मूल्य मिल रहा है। टीम ने इन एफoपीoसीo के संचालन की समीक्षा की और संबंधित किसानों से उनकी अनुभवों के बारे में बातचीत की।
इसके अतिरिक्त, टीम ने पालमपुर में स्थापित शिटाके प्रशिक्षण और खेती केंद्र का भी निरीक्षण किया। यह परियोजना के पहले चरण के अंतर्गत स्थापित किया गया था। टीम ने वहां चल रही गतिविधियों का अवलोकन किया और किसानों को शिटाके मशरूम की खेती और नवाचार कृषि तकनीकों के प्रति प्रोत्साहित करने में केंद्र के योगदान की सराहना की। यह मूल्यांकन दौरा हिo प्रo फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण -1)परियोजना के दीर्घकालिक प्रभाव को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना ने सतत कृषि और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कृषि विभाग से रजनीश शर्मा, अमित भूषण, सपन ठाकुर, विवेक कंवर और अन्य प्रसार अधिकारी भी विशेषज्ञ टीम के साथ उपस्थित रहे।
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