मकर संक्रांति पर स्नान व दान के अन्य मुहूर्त कब आइए जाने ं
मकर संक्रांति पर स्नान व दान के अन्य मुहूर्त कब आइए जानें
मकर संक्रांति का त्योहार इस वर्ष 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। संक्राति के दिन स्नान व दान अत्यंत शुभ व लाभकारी कहा जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में स्नान व दान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है व सौभाग्य भी मिलता है। तो चलिए जानते है मकर संक्रांति पर अभिजित मुहूर्त- 12:09 दोपहर से 12:51 दोपहर, विजय मुहूर्त- 02:15 दोपहर से 02:57 दोपहर, गोधूलि मुहूर्त- 05:43 दोपहर से 06:10 दोपहर, सायाह्न सन्ध्या- 05:46 दोपहर से 07:07 दोपहर, अमृत काल- 07:55 दोपहर से 09:29 दोपहर, मकर संक्रांति पर राहुकाल का समय- मकर संक्रांति पर राहुकाल का समय दोपहर 03 बजकर 08 मिनट से दोपहर 04 बजकर 27 मिनट तक रहने वाला है।
आपको बता दें कि जिस दिन भी सूर्य राशि अपनी चाल में बदलाव करते है तो, उसे संक्रांति बोला जाता है। सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में जाते है, उसे मकर संक्रांति बोलते है। मकर संक्रांति का पर्व प्रत्येक वर्ष 14 या 15 जनवरी के दिन मनाया जाता है। भारत के कोने कोने में मकर संक्रांति का पर्व लोग अलग अलग तरह से मामना पसंद करते है। कुछ स्थानों पर इस त्यौहार को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है।इस पर्व को अलग अलग नामों से जाना जाता है जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में इससे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। वहीं तमिलनाडु में इसे पोंगल या उझवर तिरुनल के नाम से जाना जाता है। गुजरात और उत्तराखण्ड में इसे उत्तरायण के नाम जानते है। जम्मू और कश्मीर में इसे संक्रांत के साथ-साथ उत्तरैन, शिशुर सेंक्रात और माघी संग्रांद के नाम जाना जाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में माघी के नाम से जाना जाता है। असम में भोगाली बिहु, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार खिचड़ी के नाम से, पश्चिम बंगाल में पौष संक्रान्ति के नाम से, पंजाब में लोहरी और झारखण्ड, बंगाल, ओडिशा के कुछ प्रांतों में इसे टुसू परब के नाम से भी जाना जाता है।
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