मंगल पांडे ने जलाई थी 1857 की क्रांति की मशाल: डॉ. राजकुमार
मंगल पांडे ने जलाई थी 1857 की क्रांति की मशाल: डॉ. राजकुमार
फतेहपुर : बलजीत ठाकुर /
वजीर राम सिंह पठानिया राजकीय महाविद्यालय देहरी जिला कांगड़ा में इतिहास विभाग के सौजन्य से एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला के इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमार उपस्थित रहे I सेमिनार की अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्य डॉ. सचिन कुमार ने की जबकि प्रोफेसर अनिल कुमार संयोजक एवं प्रोफेसर रोहित में आयोजन सचिव की भूमिका निभाई I
प्रोफेसर अनिल कुमार ने मुख्य अतिथि का परिचय देकर उनका इतिहास विषय मै योगदान को विस्तार से बताया।
डॉ. राजकुमार ने भारतीय स्वाधीनता संघर्ष का इतिहास विषय पर प्रेरक व्याख्यान दिया I उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के अनैतिक आधिपत्य को सर्वप्रथम 1857 ईस्वी में सशक्त चुनौती दी गई थी I इस क्रांति के अनुसार महान क्रांति नायक मंगल पांडे ने जलाई थी I
डॉ राजकुमार ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान घटित त्रासदी जलियांवाला बाग नरसंहार,1919 पर भी विस्तृत प्रकाश डाला I उन्होंने कहा कि इस नरसंहार का राष्ट्रीय आंदोलन पर गहरा प्रभाव पड़ा और इस दुखद त्रासदी से आहत होकर भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और उधम सिंह क्रांतिकारियों के नायक बने और उन्होंने करोड़ों भारतीयों में ब्रिटिश विरोधी जनमत बनाने में भूमिका निभाई I डॉ राजकुमार ने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष में असंख्य क्रांति वीरों और स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिए और भारतीय स्वाधीनता का आंदोलन ब्रिटिश क्रूरता का परिणाम था I डॉ राजकुमार कहां की स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में महान माताओं ने अपने वीर सपूतों का देश हित में बलिदान दिया I डॉ राजकुमार ने स्वतंत्रता संघर्ष में गांधीवादी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज के योगदान पर भी प्रमुखता से चर्चा की I
इस सेमिनार मै इतिहास विभाग के 100 से ज्यादा विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने मुख्य अतिथि के व्याख्यान के बाद अपने प्रश्न उनके समक्ष रखे।
प्रोफेसर रोहित ने अंत मै धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए मुख्य अतिथि, प्राचार्य सचिन कुमार और प्रोफेसर अनिल कुमार का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ शशि लालिया, Dr विकास भसीन, डॉ इंद्रजीत, प्रो नीलम और प्रो देवेंद्र उपस्थित रहे
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