भेड़ पालक एवं पशुधन संघ सलूणी ने एफआरसी द्वारा पशुपालकों को भूमि मंजूर करने की मांग उठाई है। - Smachar

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भेड़ पालक एवं पशुधन संघ सलूणी ने एफआरसी द्वारा पशुपालकों को भूमि मंजूर करने की मांग उठाई है।

 भेड़ पालक एवं पशुधन संघ सलूणी ने एफआरसी द्वारा पशुपालकों को भूमि मंजूर करने की मांग उठाई है।


इस मांग को लेकर संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष हेमराज चंदेल की अगुवाई में उपायुक्त चम्बा मुकेश रेपस्वाल को एक ज्ञापन भी सौंपा है। इस मौके पर हेमराज चंदेल ने कहा कि उप मंडल सलूणी और चुराह में कोई भी परिवार जंगलवासी नहीं है। भांदल पंचायत में कुछ व्यक्तियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर मिस्लें तैयार की हैं जोकि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने वन भूमि अधिनियम के तहत वन भूमि पर कब्जा की गई जमीन का मालिकाना हक किसानों को देने का ऐलान किया है। किसानों को यह हक 2006 में यूपीए सरकार द्वारा लाए गए वन भूमि अधिकार अधिनियम के अंतर्गत देने की बात कही गई है। मंत्री के अनुसार 2005 से पहले वन भूमि पर आश्रित जनजातीय व अन्य प्रदेश के गैर जनजातीय लोगों को 50 बीघा तक की जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो भेड़पाल को की चारगाह समाप्त हो जाएगी और उन्हें मजबूरन पलायन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भेड़ पालक आर्थिक रूप से इसी व्यवसाय पर निर्भर हैं। इसलिए सरकार को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।

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