"फड़ी गई चिट्टा बेचदी" गीत बना चर्चा का केंद्र, नशे के खिलाफ लड़ाई में बन सकता है हथियार - Smachar

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"फड़ी गई चिट्टा बेचदी" गीत बना चर्चा का केंद्र, नशे के खिलाफ लड़ाई में बन सकता है हथियार

 "फड़ी गई चिट्टा बेचदी" गीत बना चर्चा का केंद्र, नशे के खिलाफ लड़ाई में बन सकता है हथियार


 बटाला : अविनाश शर्मा, चरण सिंह /

जापान में रह रहे प्रवासी पंजाबी लेखक और 'बोल परदेसां दे' के मुख्य संपादक रुपिंदर जोधन का नया पंजाबी गीत "फड़ी गई चिट्टा बेचदी, रोला पै गया पुलिस वाली नार, काले रंग दी थल्ले रखी थार" इन दिनों सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा में है। यह गीत जोधन रिकॉर्ड्स कंपनी के बैनर तले हाल ही में रिलीज़ किया गया है।

गीत को लेकर समाजसेवी रम्मा शर्मा और पंचायत सदस्य हरजीत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह गीत सिर्फ़ एक रचनात्मक प्रयास नहीं, बल्कि एक सजग और ज़िम्मेदार कलमकार की चेतना है जो समाज को झकझोरने की ताकत रखता है।

गीत की पंक्तियाँ हाल ही में पंजाब में घटी एक सच्ची घटना की ओर इशारा करती हैं — जहां पुलिस ने नशा तस्करी के एक मामले में एक महिला को गिरफ्तार किया था। बताया गया कि महिला की काली रंग की थार SUV गाड़ी को भी पुलिस ने जब्त किया।

रुपिंदर जोधन ने गीत के ज़रिए न सिर्फ़ इस घटना का ज़िक्र किया, बल्कि पंजाब में फैले नशे की समस्या को भी खुलकर सामने रखा है। गीत वायरल हो चुका है और लोगों की तरफ से मिश्रित प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं।

कई लोगों का मानना है कि यह गीत नशे के खिलाफ लड़ाई में एक शब्दिक हथियार बन सकता है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह के तीखे बोल कुछ व्यक्तियों की निजता को भी प्रभावित कर सकते हैं।

यह गीत एक ताज़ा उदाहरण है कि कैसे प्रवासी पंजाबी लेखक और कलाकार अपनी जड़ों से जुड़े रहते हुए समाज की सच्चाइयों को उजागर कर रहे हैं।

उम्मीद की जाती है कि यह गीत न केवल सुना जाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नशे से बचाने के लिए इसे साझा कर, हर कोई अपना छोटा सा योगदान भी ज़रूर देगा।

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