कलस्टर बनाकर कारीगर कर सकेंगे बड़े पैमाने पर उत्पादन-कलस्टर बनाकर कारीगर कर सकेंगे बड़े पैमाने पर उत्पादन - Smachar

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कलस्टर बनाकर कारीगर कर सकेंगे बड़े पैमाने पर उत्पादन-कलस्टर बनाकर कारीगर कर सकेंगे बड़े पैमाने पर उत्पादन

 कलस्टर बनाकर कारीगर कर सकेंगे बड़े पैमाने पर उत्पादन-कलस्टर बनाकर कारीगर कर सकेंगे बड़े पैमाने पर उत्पादन

कुल्लू में दी पारम्परिक उद्योगों को बढ़ावा देने की जानकारी


कुल्लू 

हिमाचल में पारम्परिक उद्योगों के पुनरुत्थान और कारीगरों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार “पारंपरिक उद्योगों के पुनरुत्थान के लिए निधि योजना (SFURTI)” के अंतर्गत कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है। इसी कड़ी में, 26 जून 2025 को ज़िला कुल्लू में SFURTI योजना पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर महाप्रबंधक ज़िला उद्योग केंद्र कुल्लू श्री पी. एल. नेगी ने विशेष तौर पर शिरकत की और स्फूर्ति योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि परम्परागत उद्योगों से जुड़े छोटे कारीगरों की आर्थिकी में सुधार किया जाये और लघु उद्योगों का विकास किया जायेगा.

उन्होंने कहा की स्फूर्ति योजना पारम्परिक उद्योगों के विकस में मददगार साबित होगी.

इस मौके पर डीडीएम नाबार्ड अनिता देवी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) और NABCON के साथ मिलकर, राज्य के सभी 12 जिलों में इन कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है . इसी क्रम में कुल्लू में भी कार्यशाला का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से ग्रामीण एवं पारंपरिक कार्यबल के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता के क्षेत्र को विकास मिलेगाI 

उन्होंने कहा कि स्फूर्ति योजना का लक्ष्य पारंपरिक उद्योगों एवं कारीगरों को समूहों (क्लस्टर) में संगठित करना, उन्हें उन्नत उपकरण, लक्षित प्रशिक्षण तथा बेहतर विपणन सुविधाएँ प्रदान करना है, ताकि उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता सुदृढ़ हो सके और सतत आजीविका सुनिश्चित की जा सके.

कार्यशाला में कुल्लू के पारम्परिक उद्योगों से जुड़े 50 से अधिक स्थानीय कारीगरों समेत स्वयं सहायता समूह, पंचायत प्रधान, उपप्रधानों ने भाग लिया. 

यह योजना न केवल कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि उन्हें व्यापक बाजारों से भी जोड़ती हैराज्य भर में आयोजित की जा रही इन कार्यशालाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि दूरस्थ एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कारीगर भी इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। 

इके आलावा कार्यशाला में नैबकॉनस से विवेक कुमार तिवारी. डॉ. गौरव दीप सिंह और ओंकार विधाते नें स्फूर्ति याजना के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी. इसके साथ ही वरिष्ठ प्रबंधक स्फूर्ति राजेंदर सिंह और रिसोर्स पर्सन महेंदर ने भी कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी साझा की

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