प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए सभी राजनेता व सरकारी वर्गों का सहयोग लिया जाना चाहिए- सुभाष डडवाल उर्फ क्रान्तिकारी - Smachar

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प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए सभी राजनेता व सरकारी वर्गों का सहयोग लिया जाना चाहिए- सुभाष डडवाल उर्फ क्रान्तिकारी


 



नूरपुर- संजीव महाजन


मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए उठाए उचित कदमों की सर्व समाज मोर्चा ने की सराहना


सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने राजनैतिक महत्वाकांक्षा के वजाए लोकहित में फैसले लेने की हिम्मत दिखाई है 



अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए सभी राजनेता व सरकारी वर्गों का सहयोग लिया जाना चाहिए- सुभाष डडवाल उर्फ क्रान्तिकारी



नूरपुर विधानसभा के कस्बा जसूर में सर्व समाज मोर्चा की संजोयक सुभाष डडवाल उर्फ क्रान्तिकारी की अध्यक्षता में बैठक हुई इस बैठक में प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रदेश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए किए प्रयासों को लेकर चर्चा की गई तथा मुख्यमंत्री को उठाए जा रहे कदम को लेकर मुबारक बाद दी गई । इस बैठक में सर्व समाज मोर्चा ने मुख्यमंत्री को अर्थव्यवस्था को ठीक करने को लेकर  कुछ सुझाव भी दिए और मुख्यमंत्री से गुजारिश की कि वह इसके लिए एक वर्ग  से ही नहीं सर्व वर्गों से सहयोग ले । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने राजनैतिक महत्वाकांक्षा के वजाए लोकहित में फैसले लेने की हिम्मत दिखाई है 



सर्व समाज मोर्चा के संयोजक सुभाष सिंह डडवाल उर्फ क्रान्तिकारी  ने कहा कि हमारा प्रेसवार्ता का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुबारकबाद देना है कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने का उचित कदम उठाने का प्रयास किया है नहीं तो आजतक  सभी मुख्यमंत्रीओ ने  कर्जा लेने का ही काम किया है  जैसा कि अखबारों और न्यूज के माध्यम से सबको को मालूम है कि प्रदेश पर लगभग 76 हजार करोड़ रुपए का कर्जा कर दिया है जैसा कि डाक्टर का एनपीए का मुद्दा उठाया है कि जो डाक्टर एनपीए लेते हैं और नये भर्ती वाले डाक्टरों को एनपीए नहीं देने का फैसला लिया । एनपीए का मतलब बिना काम के एलाउंस है आज से 50-60 साल पहले जब हमारा ट्रांसपोर्ट कम्निकेशन ना ही हमारी हेल्थ सर्विस ठीक थी और जो डाक्टर ग्रामीण क्षेत्र में रहते थे या  अर्बन क्षेत्रों में रहते थे वह वहीं रहते थे और वह रात को भी लोगों को सेवाएं प्रदान करते थे इसलिए सरकार का यह भाव रहता था कि आप लोगों से पैसा ना ले हम आपको सरकारी पैसा दे देते हैं अगर आपने अतिरिक्त सेवा करनी है अब हेल्थ सर्विस भी अच्छी हो गई, ट्रांसपोर्ट कम्निकेशन भी बहुत अच्छे हैं अब कुछ समय में ही हम मरीज को ले जा सकते हैं और अस्पतालों में बेहतरीन डाक्टर , नर्सें और स्टाफ की  सुविधाएं उपलब्ध हैं तो अब एनपीए देने का कोई उचितय नहीं है जो वाकी वर्गों की भी जो मांग थी कि हमें भी एनपीए दो नहीं तो हम भी ड्युटी समय के बाद अपना काम करेंगे  ।इस फैसले से उन सब वर्गों पर भी विराम लग गया है सरकार को चाहिए अगर कुछ डाक्टरों पर अगर काम का बोझ जाता रहता है तो उन्हें एनपीए के वजाए उन्हें ओवर टाइम दें सकते हैं 

दूसरा यह कि हमारे हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या में लगभग 56 प्रतिशत जनसंख्या स्वर्ण जाति की है चुनाव से पहले  जब विक्रमादित्य सिंह ठाकुर विपक्ष में हुआ करते थे तो उन्होंने विधानसभा में एक मुद्दा उठाया था कि स्वर्ण समाज को भी उनका हक मिलना चाहिए  तो अब विक्रमादित्य सिंह केबिनेट मंत्री हैं  तो मेरा उन्हें यह कहना है कि वह इस बारे में कोई फैसला ले ताकि स्वर्ण समाज के साथ भी न्याय हो सके 

तीसरा मेरा कहना है कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ एनपीए को ही टच किया है पिछले छः महीने से जो सरकार चल रही है तो कहा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति संकट में है मेरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से गुजारिश है कि आप एक वर्ग के वजाए सभी वर्गों से अर्थव्यवस्था को सुचारु ढंग पर करने के लिए सहयोग ले ।  ताकि हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था ठीक हो सके इसपर हमारा यह सुझाव है कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए सभी राजनेता व सरकारी वर्गों का सहयोग लिया जाना चाहिए । जैसे  मंत्रियों वर्ग उनको  30% सैलेरी या एलाउंस कम दिए जाए , विधायकों उनको 20% कम दे ,जितने कर्मचारी वर्ग है उनको 10%,और जो पेंशनर्स है उनको 5% कम किया जाए जबतक अर्थव्यवस्था ठीक नहीं हो जाती है तब तक इन्हें होल्ड किया जाए जब अर्थव्यवस्था ठीक हो जाए तब रिलीज कर दिया जाए । ऐसा करने से किसी भी वर्ग को बुरा नहीं लगेगा ।क्योंकि स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने भी जब देश को जरुरत पड़ी थी तो उन्होंने भी सरकारी कर्मचारियों का कुछ अमाउंट होल्ड किया था , मानवीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कारोना के दौरान सभी कर्मचारियों का 11% अमाउंट होल्ड किया था क्योंकि ऐसा करने से किसी एक वर्ग को बुरा नहीं लगेगा और जब आर्थिक स्थिति ठीक हो जाती है तब उन्हें उनका हक दिया जाए और सभी से अर्थव्यवस्था में सहयोग लेना कोई गलत काम नहीं होगा ।

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