नूरपूर में मातृ-शिशु अस्पताल का सामान ऊना शिफ्ट करना नूरपुर के साथ बड़ा खिलवाड़: पठानिया - Smachar

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नूरपूर में मातृ-शिशु अस्पताल का सामान ऊना शिफ्ट करना नूरपुर के साथ बड़ा खिलवाड़: पठानिया


 

नूरपुर (संजीव महाजन)


नूरपूर में मातृ-शिशु अस्पताल का सामान ऊना शिफ्ट करना नूरपुर के साथ बड़ा खिलवाड़: पठानिया

सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो सरकार को अपना रौद्र रूप दिखाना पड़ेगा

नूरपुर विधानसभा पूर्व भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री राकेश पठानिया ने नूरपुर में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि नूरपुर के मातृ-शिशु अस्पताल में स्थापित किये गए उपकरणों तथा सामान को सरकार द्वारा जिला ऊना के अस्पताल में शिफ्ट करना नूरपुर की जनता तथा नूरपुर से बहुत बड़ा खिलवाड़ है। पठानिया ने कहा कि उनके अथक प्रयास के बाद जेपी नड्डा के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने नूरपुर के लिए मातृ-शिशु अस्पताल मंजूर कराया था, जिसके लिए लगभग 12 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। पठानिया ने कहा कि इस अस्पताल का 99 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और मात्र अब इसको चलन में लाना बाकी था लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि इस अस्पताल का करोड़ों का सामान पांच ट्रकों में भरकर ऊना ले जाया गया। उन्होंने कहा कि यह नूरपुर के साथ ज्वाली, फतेहपुर, इंदौरा और चम्बा जिला की भटियात विधानसभा की जनता के दिलों पर कुठाराघात किया है। पठानिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार के सत्ता संभालने के बाद नूरपुर में सभी चल रहे विकास के कार्य ठप्प हो गए है। उन्होंने कहा की चौगान में अटल बहुद्देश्यीय इंडोर खेल परिसर का उद्घाटन उन्होंने किया था तथा भाजपा सरकार में उक्त स्टेडियम में राज्य स्तरीय खेलें होती थी पिछले 6 माह से उक्त स्टेडियम में  ताला लगा हुआ है। उन चौगान मैदान में सिथेंटिक ट्रैक के लिए सात करोड़ रुपये मंजूर कराए गए थे लेकिन उसका कार्य भी बंद है। उन्होंने कहा कि नूरपुर के लिए कालेज भवन का कार्य भी बंद हो चुका है। पठानिया ने आरोप लगाया कि नूरपुर यतीम हो गया है नूरपुर के हित में आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। 




सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो सरकार को अपना रौद्र रूप दिखाना पड़ेगा

पठानिया ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नूरपुर को मातृ-शिशु अस्पताल का तोहफा मिला था जिसको किसी भी हालत में बंद नहीं होने देंगे। उन्होंने सेक्रेटरी हेल्थ पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि जिस अस्पताल के लिए बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के साथ हेल्थ इक्यूपमेंट भी बजट में मंजूर थे। उन्हें जहां से ऊना किस आधार पर शिफ्ट किया गया। उन्होंने कहा कि सरकारें आती जाती रहेंगी लेकिन ऐसे अधिकारियों की जबाबदेही बनती है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से पहले प्रार्थना करेंगे कि ऊना शिफ्ट किये सामान को बापिस नूरपुर पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो सरकार को अपना रौद्र रूप दिखाना पड़ेगा और सड़कों पर संघर्ष के लिए उतरेंगे। 



 

पठानिया ने अपने राजनीतिक विरोधी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग मुझ पर उंगली उठाते थे, अनाप शनाप व्यानबाजी करते थे, वो लोग आज क्यों नहीं दिख रहे। उन्होंने कहा कि नूरपुर के हित की आवाज क्यों नही उठा रहे। उन्होंने ने कहा कि नूरपुर के हितों के साथ हो रहे कुठाराघात को राकेश पठानिया कतई सहन नहीं करेगा। पठानिया ने कहा कि पूर्व मंत्री एवं बरिष्ठ कांग्रेसी नेता सत महाजन के बाद यदि किसी ने नूरपुर क्षेत्र का विकास किया है तो उन्होंने किया है अतः क्षेत्र के हित के लिए आवाज उठाते रहेंगे। मुझ पर उंगली उठाने वाले, अब नूरपुर के हितों के लिए चुप क्यों?


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