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केंद्र सरकार ऊंट, खच्चर,घोड़े ,गधे के पालन और पोषण पर सरकारी छूट और सब्सिडी देगी

केंद्र सरकार पशुधन मिशन के तहत ऊंट, खच्चर,घोड़े ,गधे  के पालन और पोषण पर  सरकारी छूट और सब्सिडी देगी 


प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस मिशन के अन्तर्गत कुछ नई गतिविधियों को शामिल करने का निर्णय किया गया।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पशुधन मिशन के तहत अब घोड़ा ,गधे ,खच्चर और ऊंट के पालन में लगे व्यक्तियों किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ),स्वयं सहायता समूहो (एसएचजी)संयुक्त देनदारी समूह (जेएलजी) तथा धारा आठ की कम्पनियों को 50 प्रतिशत या 50 लाख रूपए तक की पूंजीगत सहायता दी जाएगी। एक सरकारी विज्ञप्ति के बाद केन्द्र राज्य सरकारों को घोड़े गधों और उूंटों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए राज्य सरकारों की मदद करेगा और वीर्य केन्द्र और केन्द्रीय प्रजनन फार्म स्थापित करने के लिए 10 करोड़ रूपए की सहायता सरकार देगी। चारे के बीज के प्रसंस्करण की बोली आदि की सुविधा के लिए भी निजी कम्पनियों स्टाटर्अप इकाईयों, किसानों की सहकारी समितियों ,एसएचजी ,एफपीओ और जेएलजी को 50 प्रतिशत या 50 लाख रूपए की पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया जाएगा।

केन्द्र सरकार राज्यों को गैर वन क्षेत्रों ,बंजर जमीन असिंचित क्षेत्रों के साथ साथ वन क्षेत्रों में चारे की खेतों को प्रोत्साहित करने के लिए मदद करेगी। 2014 -15 में शुरू किया गया था राष्ट्रीय पशुधन मिशन मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार पशु बीमा कार्यक्रम में अब किसानों को केवल 15 प्रतिशत की दर से प्रिमियम देना पड़ेगा। इस समय यह हिस्सा 20 प्रतिशत ,30 प्रतिशत ,40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत तक है। बाकि प्रिमियम केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा 60 और 40 प्रतिशत के अनुमान में वहन किया जायेगा।

अब की संख्या तक पशुओं का बीमा किया जाएगा। इनमे भेड़ और बकरियां भी शामिल होगी। सरकार का कहना है कि इससे किसानों को अपने कीमती पशुओं का बीमा कराने में सुविधा होगी। राष्ट्रीय पशुधन मिशन 2014 -15 में शुरू किया गया था। मंत्रिमंडल की आज की बैठक में बाढ़ प्रबंध एवं सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) को 2025-26 तक बढाने का फैसला किया गया। इस पर 2021 -22 से 2025-26 तक कुल 4100 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है।

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