विकास खण्ड को ज्वाली शिफ्ट करने, नगरोटा सूरियां को नगर पंचायत का दर्जा देने, के विरोध में हुआ धरना प्रदर्शन
विकास खण्ड को ज्वाली शिफ्ट करने, नगरोटा सूरियां को नगर पंचायत का दर्जा देने, के विरोध में हुआ धरना प्रदर्शन
नगरोटा सूरियां:- विकास खण्ड को ज्वाली शिफ्ट करने व नगरोटा सूरियां को नगर पंचायत का दर्जा देने के विरोध में वीरबार को ग्रामीणों ने सरकार व कृषि मंत्री चन्द्र कुमार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की और सर्वसम्मति से फैसला लिया कि यदि सात दिन के भीतर नगरोटा सूरियां को नगर पंचायत का दर्जा देने की अधिसूचना को रद्द करने व विकास खण्ड मुख्यालय को ज्वाली शिफ्ट करने की साजिश को बन्द नही किया तो नगरोटा सूरियां क्षेत्र की जनता एकजुट होकर धरना प्रदर्शन व क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर देगी।
वीरबार को कथोली पंचायत प्रधान जीएस बेदी व ब्लॉक पंचायत समिति उपाध्यक्ष धीरज अत्री के नेतृत्व में सैंकडों की तादाद में कथोली में उपस्थित होकर नगर पंचायत बनाने व ब्लॉक मुख्यालय को शिफ्ट करने के विरोध में चन्द्र कुमार मुर्दाबाद, नगर पंचायत नहीं बनेगी व ब्लॉक मुख्यालय शिफ्ट नहीं होने देंगे के नारे लगा कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान ब्लॉक पंचायत उपाध्यक्ष धीरज अत्री, कथोली पंचायत प्रधान जीएस बेदी, खब्बल पंचायत प्रधान रिम्पल, नगरोटा सूरियां पंचायत पूर्व प्रधान संजय महाजन ने कहा कि नगरोटा सूरियां विकास खण्ड मुख्यालय को कमजोर करने के लिए एक साजिश के तहत पहले दस पंचायतों को नगरोटा सूरियां से तोड़ कर देहरा विकास खण्ड से जोड़ा गया और बाद में चार और पंचायतों को जोड़कर नगरोटा सूरियां को नगर पंचायत का दर्जा देने की अधिसूचना जारी कर दी। उन्होंने कहा कि अब कृषि मंत्री चन्द्र कुमार विकास खण्ड को ज्वाली शिफ्ट करने के लिए यह तर्क दे रहे हैं कि नगरोटा सूरियां क्षेत्र की पांच पंचायतें ही विकास खण्ड में रह गयी हैं और अब नगरोटा सूरियां में विकास खण्ड मुख्यालय रहने का कोई औचित्य नहीं रह गया है जो तर्क संगत नही है।
प्रधान जीएस बेदी ने कहा कि कथोली पंचायत पौंग बांध विस्थापित बहुल क्षेत्र है और सभी विस्थापित पुनर्वास के लिए पिछले 55 सालों से दर दर भटक रहे हैं और अब नगर पंचायत की अधिसूचना से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब उनकी चिंता यह है कि वह दिहाड़ी लगाकर परिवार पालेगी या नगर पंचायत में लगने वाले भारी भरकम टैक्स भरेंगे।
नगरोटा सूरियां पंचायत के पूर्व प्रधान संजय महाजन ने कहा कि नगर पंचायत में शामिल की गई पंचायतों में 80 प्रतिशत लोग दिहाड़ीदार मजदूर हैं और गरीबी रेखा से भी नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। सभी ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा कि नगरोटा सूरियां को नगर पंचायत व विकास खण्ड मुख्यालय को ज्वाली किसी भी सूरत में नहीं जाने दिया जाएगा। इसके लिए अगर आंदोलन करके जिस भी हद तक गुजरना पड़ेगा पीछे नहीं हटेंगे और अगर सात दिन के अंदर नगर पंचायत की अधिसूचना बापस नही ली गयी तो 18 जनवरी को मुख्यमंत्री के प्रस्तावित ज्वाली दौरे पर काले झंडों के साथ स्वागत किया जाएगा।
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