भाजपा ने सरकार पर लगाए महाविद्यालय को साजिश के तहत बंद करने के आरोप
भाजपा ने सरकार पर लगाए महाविद्यालय को साजिश के तहत बंद करने के आरोप
पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने सरकार और जनजातीय मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप
केलांग : ओम बौद्ध /
जनजातीय जिला लाहौल स्पीति का शिक्षा क्षेत्र एक बार फिर राजनीति की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। राज्य सरकार द्वारा कुकुमसेरी स्थित जनजातीय क्षेत्र के एकमात्र राजकीय महाविद्यालय को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का भाजपाट ने गंभीर आरोप जड़े हैं। पूर्व विधायक और भाजपा नेता रवि ठाकुर ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी को कठघरे में खड़ा किया है।
रवि ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा साफ तौर पर लाहौल स्पीति से उच्च शिक्षा को खत्म करने की है। उन्होंने कहा कि पहले कुकुमसेरी महाविद्यालय की लगभग 12 बीघा भूमि जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी के निर्देश पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय को हस्तांतरित की गई। अब एक और कदम उठाते हुए कॉलेज की इमारत की धरातल मंजिल पर संचालित वाणिज्य संकाय को खाली करवाकर उसे स्कूल को दे दिया गया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार स्वयं यह दावा करती है कि वह लोगों को 50 बीघा तक जमीन उपलब्ध करवा सकती है, तो फिर एक सरकारी स्कूल को महाविद्यालय की ज़मीन और भवन की जरूरत क्यों पड़ी। रवि ठाकुर ने इसे सरकार की विफलता और योजनाबद्ध षड्यंत्र करार दिया।
पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता रवि ठाकुर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का उद्देश्य विकास नहीं बल्कि केंद्र से जारी करोड़ों रुपये के बजट को किसी भी तरह खर्च करना है। उन्होंने दावा किया कि एकलव्य विद्यालय भवन निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी फंड पर सरकार की नज़र है और मंत्री के इशारे पर आनन-फानन में उस बजट को खर्च करने का रास्ता बनाया जा रहा है। इसके लिए सरकार कॉलेज की कुर्बानी देने तक को तैयार है।
रवि ठाकुर ने स्पष्ट कहा कि सरकार के इन निर्णयों से यह संकेत मिल रहा है कि राजकीय महाविद्यालय कुकुमसेरी को धीरे-धीरे खत्म करने की योजना पर काम किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि लाहौल स्पीति के लोग इस साजिश को समझ चुके हैं और इसका पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो वह इस मुद्दे को सीधे केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के समक्ष उठाएंगे।
रवि ठाकुर ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर स्थानीय लोगों और छात्रों में भी रोष पनप रहा है। यदि जल्द ही सरकार द्वारा इस पर कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो क्षेत्र में जनआंदोलन खड़ा होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता, कहा कि राजकीय महाविद्यालय कुकुमसेरी जनजातीय क्षेत्र के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का एकमात्र केंद्र है। इस संस्थान को किसी भी तरह से कमज़ोर करना न केवल शिक्षा के अधिकार का हनन है बल्कि क्षेत्रीय असमानता को और बढ़ावा देना भी है।
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