निराश्रित बच्चों के कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण पर विशेष फोकस: डी.सी
निराश्रित बच्चों के कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण पर विशेष फोकस: डी.सी
उच्च शिक्षा कोचिंग, वोकेशनल कोर्स का खर्चा वहन कर रही सरकार
सुखश्रय योजना समिति की बैठक में 108 नये आवेदनों पर विचार
धर्मशाला लोहिया हेमराज बैरवा ने कहा कि खुशहाली योजना के तहत 18 से 27 आयु वर्ग के निराश्रित बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग के साथ समाज के सक्रिय सदस्य बनने में मदद करने के लिए वित्तीय और वित्तीय लाभ प्रदान करने का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने कहा कि जमा दो की कक्षा में अध्ययनरत बच्चों को कोचिंग के लिए आर्थिक मदद का प्रस्ताव दिया गया है और सरकारी पढ़ाई के लिए सॉलिड डिवेलपमेंट और वोकेशनल कोर्स के लिए कोचिंग का खर्चा वहन किया जाएगा।
शुक्रवार को डीसी कार्यालय के ऑडिट में सुखाश्रय योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. हेमराज बैरवा ने कहा कि बैठक में उच्च शिक्षा, वोकेशनल कोर्स और कोचिंग के लिए 108 आवेदनों पर विचार किया गया है। उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों का कैरियर बेहतर बनाने के लिए कौशल विकास के माध्यम से निराश्रित बच्चों का कैरियर बेहतर बनाने के लिए आईसीडीएस के अधिकारियों को दिए गए निर्देशों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों को लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा ताकि वे उद्यमियों को प्रेरित कर सकें।
उन्होंने कहा कि सभी प्रोटोटाइप निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के तहत प्रतिमाह सपूर्णता जमा करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग के लिए एक हजार पिज्जा प्रतिमान, 15 से 18 वर्ष के लिए मासिक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित किया गया है।
उन्होंने कहा कि 27 साल पहले के अनाथ बच्चों को तीन विस्वा भूमि पर आवास सुविधा देने का भी प्रस्ताव है।
सुखश्रय कोष के माध्यम से भी निराश्रित बच्चों की मदद की जा सकती है:
संप्रभु हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला स्तर पर निराश्रित बच्चों की मदद के लिए जिला स्तर पर मुख्यमंत्री आश्रय कोषागार का प्रस्ताव रखा गया है, इसमें कोई भी व्यक्ति 80 जी के अंतर्गत कर के तहत अंशदान कर सकता है, उसे भी छूट दी जाएगी। इस कोष के माध्यम से निराश्रित बच्चों के लिए सर्वोत्तम आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हैं।
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