ग्रामफू: बस हादसे में बिना पल्स घायल महिला को सेना के डाक्टरों दिया नया जीवन
ग्रामफू: बस हादसे में बिना पल्स घायल महिला को सेना के डाक्टरों दिया नया जीवन
भारतीय सेना की त्वरित कार्रवाई से बची कई जाने, लाहौल-स्पीति बस हादसे में
( मनाली : ओम बौद्ध )
बीते दिनों रोहतांग दर्रे के पास ग्रामफू के समीप एक दर्दनाक सड़क हादसे में जहां दो यात्रियों की जान चली गई, वहीं भारतीय सेना और ग्रीफ की तत्परता ने कई अन्य जिंदगियों को मौत के मुंह से निकाल लिया। यह हादसा बीते दिनों ग्रामफू क्षेत्र में हुआ, जब एक पर्यटक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सेना के कर्नल पंकज अग्रवाल ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही कोकसर स्थित भारतीय सेना के शिविर से मेडिकल टीम और बचाव दल मौके पर रवाना हुआ। सेना के अस्थाई अस्पताल में एक महिला को बिना पल्स के लाया गया, जिसे सेना के चिकित्सा अधिकारियों ने तुरंत सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रेसुसिटेशन) देकर पुनर्जीवित कर दिया। यह मानवीय सेवा और त्वरित प्रतिक्रिया का अद्वितीय उदाहरण बना।
रेस्क्यू अभियान में स्थानीय पुलिस, ग्रामीणों और सेना की संयुक्त टीम ने घायलों को प्राथमिक उपचार देकर स्थिर किया और समय रहते अस्पताल पहुंचाया। सेना के कोकसर स्थित अस्थाई अस्पताल में सभी गंभीर घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा दी गई, जिससे उनकी स्थिति में तेजी से सुधार हुआ।
यह घटना बताती है कि सीमा क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना न केवल सुरक्षा बल्कि आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता में भी अहम भूमिका निभा रही है। स्थानीय लोगों और प्रशासन ने सेना और ग्रीफ के इस सहयोग की सराहना की है।
पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता रवि ठाकुर ने इस पूरे रेस्क्यू अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि सेना का यह त्वरित सहयोग न होता, तो हताहतों की संख्या अधिक हो सकती थी।
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