चंबा का इतिहास एक हज़ार वर्ष से भी प्राचीन है,और इस प्राचीन नगरी में उससे भी कहीं ज्यादा प्राचीन मंदिर इस शिव धरती चंबा में विराजमान है।
चंबा का इतिहास एक हज़ार वर्ष से भी प्राचीन है,और इस प्राचीन नगरी में उससे भी कहीं ज्यादा प्राचीन मंदिर इस शिव धरती चंबा में विराजमान है।
चंबा : जितेंद्र खन्ना /
चंबा का इतिहास एक हज़ार वर्ष से भी प्राचीन है,और इस प्राचीन नगरी में उससे भी कहीं ज्यादा प्राचीन मंदिर इस शिव धरती चंबा में विराजमान है। आज हम अपने दर्शकों को एक ऐसे शिव मंदिर के दर्शन करवाने जा रहे है जिसका कोई इतिहास है ही नहीं। भगवान चंद्रचेखर महाराज के नाम से विश्व प्रसिद्ध इस मंदिर को किसने बनवाया था इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है पर राजस्वी काल के दौरान इसकी सारी देखरेख राजाओं ने अपने अधिकार में ली थी,और आज यह ऐतिहासिक मंदिर अपनी एक अलग पहचान लिए हुए है। आपको जानकर यह भी हैरानी होगी कि धरती से करीब सात फुट ऊंचाई लिए इस शिव लिंग की पूजा अर्चना करने पुजारी रोजाना इस मंदिर में एक पोड़ी के सहारे ऊपर चढ़ता है और सात फुट ऊपर पहुंचकर पूजा को करते है। आज महाशिव रात्री का बहुत बड़ा पर्व है और आज के दिन इस चंद्रशेखर मंदिर में हजारों की संख्या में लोग भगवान शिव के दर्शन करने की आए हुए है।
चंबा मुख्यालय से करीब 22,किलोमीटर दूर यह भगवान चंद्रशेखर महाराज ही का प्राचीन मंदिर जोकि साहू में विराजमान है। इस मंदिर को देखने लोग दूर दूर से आते है और पूजा अर्चना भी करते है। आज इस महा पर्व पर चंबा सदर के विधायक ने यहां पहुंचकर इस मंदिर पूजा अर्चना के साथ लोगों को बधाई दी और कहा कि लोगों की आस्था को देखते हुए इस पर्व जातर को हुई केबनिट मीटिंग में जिला स्तर पर घोषित करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बड़ा ही हर्ष हो रहा है कि अब हर वर्ष इस त्योहार को जिला सत्र पर ही मनाया जायेगा।


कोई टिप्पणी नहीं