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छह जिलों में स्थापित होगी फॉरेंसिक यूनिट, इन जिलों के लिए ऐलान

शिमला : अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए हिमाचल सरकार चार फॉरेंसिक वाहन खरीदेगी। ये वाहन अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होंगे। हमीरपुर, ऊना, सिरमौर, कुल्लू, किन्नौर व लाहौल स्पीति में फॉरेंसिक यूनिट स्थापित की जाएंगी।



फॉरेंसिक विभाग की कार्यप्रणाली बेहतर करने के लिए फॉरेंसिक बिहेवियरल एनालेसिस यूनिट, फूड फॉरेंसिक यूनिट सहित अन्य नए यूनिट भी स्थापित किए जाएंगे। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश फोरेंसिक साइंस डेवलपमेंट बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, महाधिवक्ता अनूप रतन, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, फारेंसिक साइंस की निदेशक डॉ. मीनाक्षी महाजन और बोर्ड के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

वर्तमान में जुन्गा में फारेंसिक विभाग की प्रयोगशाला है। जबकि मंडी व धर्मशाला में क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं और बद्दी, बिलासपुर और नुरपूर में फारेंसिक यूनिट हैं।

फॉरेंसिक यूनिट किसी भी अपराध के कारणों का पता लगाने और मामले में पुलिस को लीड देती है कि अपराध हुआ कैसे और क्या कारण रहा। किसी भी तरह के अपराध के लिए सीन क्रिएट करने के अतिरिक्त प्रयोगशाला भी होती है, जो मददगार साबित होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधी को कानून के तहत सजा दिलवाने के लिए आपराधिक मामलों के प्रभावी प्रबंधन की आवश्यकता है, जिसके लिए अपराध स्थल की जांच कर सही तरीके से नमूने एकत्रित करने की आवश्यकता है।

अपराध स्थल से जो नमूने एकत्रित किए जाते हैं, उनकी विश्वसनीयता एवं सटीकता बनाए रखने के लिए विभाग को बार कोडिंग प्रणाली विकसित करनी चाहिए। विभाग में विभिन्न रिक्त पदों को भरा जाएगा। उन्होंने फॉरेंसिक विभाग में कर्मचारियों के युक्तीकरण पर बल दिया।

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