जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए पौधारोपण से बेहतर कुछ नहीं : एसडीएम
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए पौधारोपण से बेहतर कुछ नहीं : एसडीएम
पधर : बाल विकास परियोजना द्रंग के सौजन्य से "एक बूटा मां के नाम" अभियान के तहत उपमंडल पधर में एसडीएम पधर द्वारा आंवला के पौधे का पौधा रोपित कर "एक बूटा मां के नाम" अभियान का शुभारंभ किया गया।
इस अभियान के तहत एसडीएम पधर ने कहा कि "एक बूटा मां के नाम" अभियान सरकार द्वारा हमारे पर्यावरण को हरा-भरा रखने के लिए बहुत अच्छी पहल है क्योंकि आज के समय में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या बनकर सामने आया है। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी बन जाती है कि हम पर्यावरण का संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचाव के लिए पौधारोपण से बेहतर और कोई सरल तरीका नहीं है क्योंकि पौधारोपण से जलवायु परिवर्तन को हम नियंत्रित कर सकते हैं और ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले प्रभाव को कम किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि "एक बूटा मां के नाम अभियान को पंचायत स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा और लोगों को पौधारोपण के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा व उन्हें पौधारोपण के लिए प्रेरित किया जाएगा ।
इस अभियान पर जानकारी देते हुए बाल विकास अधिकारी जितेंद्र सैनी ने बताया कि यह अभियान "एक बूटा मां के नाम" के तहत बाल विकास खंड द्रंग की सभी आंगनवाड़ी केंद्रो में सहायकों और कार्यकर्ताओं द्वारा पौधारोपण किया गया। इस अभियान के तहत पर्यावरण को हरा-भरा व संजोए रखने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना द्रंग की ओर से इस बार राष्ट्रीय पोषण माह में विशेष रूप से अभियान चलाया जाएगा जिसमें हर घर द्वार कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा 0 से 6 साल तक के सभी बच्चों का नापतोल किया जाएगा , लोहे की कढ़ाई में पारंपरिक व्यंजनों का बनाना व उनके लाभ के प्रति जागरूक किया जाएगा, अम्मा की रसोई जिसमें मोटे अनाज जैसे कोदरा,बाजरा, इत्यादि की रेसिपी बनाकर और पोषण के पांच सूत्रीय कार्यक्रम जिसमें डायरिया प्रबंधन के बारे में, 1000 सुनहरे दिन, पौष्टिक आहार ,स्वच्छता एवं साफ सफाई, एनीमिया की रोकथाम के प्रति जागरूक किया जाएगा।
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