राज्य सरकार हिमाचल के राजस्व को बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प : पठानिया - Smachar

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राज्य सरकार हिमाचल के राजस्व को बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प : पठानिया

 राज्य सरकार हिमाचल के राजस्व को बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प : पठानिया

  आबकारी-खनन पाॅलिसी में बदलाव से 2000 करोड़ अतिरिक्त राजस्व अर्जित


कांगड़ा जिला में ट्रेजरी पिछले पांच माह में एक अरब 20 करोड़ का हुआ भुगतान

धर्मशाला उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक्साइज, टूरिज्म, पॉवर और माइनिंग पॉलिसी में आवश्यक बदलाव कर दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। यह कदम प्रदर्शित करता है कि प्रदेश सरकार राजस्व अर्जन की दिशा में कार्य कर रही है ताकि प्रदेश के सभी क्षेत्रों के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध हो। वीरवार को तपोवन में अधिकारियों के साथ मीटिंग के उपरांत उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि कांगड़ा जिला में ही पिछले पांच माह में ट्रेजरी से एक अरब 19 करोड़ 82 लाख के बिलों का भुगतान विभिन्न विभागों के विकास कार्यों के लिए हुआ है।

    उन्होंने कहा कि हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीतिगत निर्णय ले रही है तथा इसमें राज्य सरकार की विभिन्न योजनाएं कारगर भी साबित हो रही हैं।उन्होंने कहा कि पर्यटकों को बेहतर हवाई सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए 3500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं तथा अधिग्रहण के लिए भूमि मालिकों को 355 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। प्रदेश में 16 हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य प्रगति पर है।  

style="background-color: white;">  उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का उद्देश्य समाज के वंचित और कमजोर वर्गों का कल्याण और उत्थान सुनिश्चित करना है। वर्तमान राज्य सरकार जनहित की दिशा मंा कार्य कर रही है और किसी भी कीमत पर प्रदेश की अमूल्य संपदा को लुटने नहीं दिया जाएगा।

   उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने समाज के सुविधा संपन्न वर्गों से स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी का त्याग करने की मुहिम शुरू की है और प्रदेश के लोग इस मुहिम में बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं। पहली जनवरी, 2023 से अब तक 38,713 युवाओं को हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं में नामांकित किया गया है। इनमें से 38,572 को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र दिए जा चुके हैं और 8,630 प्रशिक्षुओं की प्लेसमेंट हुई है।

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