महाशिवरात्रि के चार प्रहरों में पूजा के शुभ मुहूर्त, शिवलिंग पूजन का विशेष महत्व
महाशिवरात्रि के चार प्रहरों में पूजा के शुभ मुहूर्त, शिवलिंग पूजन का विशेष महत्व
इस वर्ष महाशिवरात्रि पर सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुम्भ राशि में गोचर करेंगे। यह दुर्लभ संयोग इससे पहले 1965 में बना था। मान्यता है कि इस 'दुर्लभ ग्रह संयोग' में शिव की पूजा करने से भक्तों की इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य, बुध और शनि की विशेष पूजा का शुभ अवसर रहेगा।
पहला प्रहर: शाम 06:19 बजे से रात 09:26 बजे तक
दूसरा प्रहर: रात 09:26 बजे से रात 12:34 बजे तक
तीसरा प्रहर: 27 फरवरी को रात 12:34 बजे से 03:41 बजे तक
चौथा प्रहर: 27 फरवरी को तड़के 03:41 बजे से सुबह 06:48 बजे तक
इस दिन चार प्रहरों में दूध, दही, गंगाजल, घी और बेलपत्र से शिवलिंग का अभिषेक करने का विशेष महत्व होता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे से शुरू होगी और 27 फरवरी 2025 को सुबह 8:54 बजे समाप्त होगी।
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