रेहन में शिवमहापुराण प्रवचन का आरंभ संत शिरोमणि पुनीत गिरि द्वारा किया गया
रेहन में शिवमहापुराण प्रवचन का आरंभ संत शिरोमणि पुनीत गिरि द्वारा किया गया
आज दिनांक 04 जून को चामुंडा पैलेस में शिवमहापुराण प्रवचन का आरंभ संत शिरोमणि पुनीत गिरि द्वारा किया गया । शिवमहापुराण की भूमिका बांधते हुए जीवन दर्शन के कुछ विशेष पहलुओं का अवलोकन परम पूज्य पुनीत गिरि द्वारा किया गया । उनके शब्दों के अनुसार मानव को "उपभोग" धारण करना चाहिए । जबकि इसके विपरीत मानव लालच और लालसाओं से भरा है । इन मानसिक विकृतियों से मुक्तियों के लिए मानव को स्वयं को जगाना होगा । मानव सब कुछ पाना चाहता है यहीं से उसके दुख का वृत बढ़ता जाता है । आज के मानव मानसिक तौर पर बहुत दुखी और असंतुलित है । मानव को प्रथम कार्य जो करना है वह है वह है कि उसे उपभोग को धारण करना चाहिए और उपभोग करने के लिए उसे वस्तु जीवन और जीवन के लक्ष्य के ज्ञान को जानना होगा । ऐसे में मानव को आध्यात्मिक स्वामी ही इन सब से रूबरू करवा सकता है । सतसंग और कथा के बीच में अंतर बताते हुए पूज्य शांतशिरोमणि पुनीत गिरि बताते हुए कहा कि आप कथा का आनंद लेते हैं लेकिन आपको इस कथा के श्रवण के साथ ही सतसंग में खरा उतरना है । मानव को अपनी जरूरतों, अपनी क्षमताओं और अपनी लक्ष्य को पहले जानना है इसमें मानव को गुरु, संत, आध्यात्मिक स्वामी की संगत करना और उनके पदचिन्हों का अनुसरण करना आवश्यक है ।
आज प्रथम प्रवचन उपदेश के उपलक्ष पर एस डी एम श्री विश्रुत भारती के साथ, प्रशासन के अन्य अधिकारी वर्ग, समाज क्षेत्र से विशेष व्यक्तित्व में दार्शनिक साहित्यकार पंकज दर्शी, आर टी आई एक्टिविस्ट दुर्गेश कटोच, समाज सेवी विजय सेकड़ी, सहित बहुत से जिज्ञासुओं ने सतसंग का आनंद लिया । वार्ता में श्री सिद्धेश्वर शक्तिपीठ न्यास से प्रधान डॉ अवस्थी ने सभी गणमान्यों का स्वागत किया और न्यास सचिव सच्चिदानंद शास्त्री ने एस डी एम फतेहपुर श्री विश्रुत भारती को अंगवस्त्र पहनाकर उनका सम्मान किया । कल भी यह कथा सायं 4 बजे से 7 बजे तक रहेगी जिसमें संत शिरोमणि पुनीत गिरि के ज्ञान प्रवचनों और जीवन दर्शन के बहुत से महत्वपूर्ण पहलुओं का श्रवण जिज्ञासु और भक्तजन कर पाएंगे ।
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